लगातार दो बार ऐसा हो गया। बड़ी तामझाम से सड़कों का उदघाटन किया और चंद दिनों में उसके निर्माण और संरचना की पोल खुल गयी। पहला झटका तो बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में लगा था। अब दूसरा झटका बेंगलुरु मैसूर हाई वे का लगा। संसद में अलग से अडाणी पर जो झटका लग रहा है, उसके दर्द तो बयां भी नहीं किया जा सकता।
कर्नाटक में बेंगलुरु-मैसूर राजमार्ग, जिसका उद्घाटन छह दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, शुक्रवार रात राज्य के रामनगर क्षेत्र में भारी बारिश के बाद जलमग्न हो गया। 8,480 करोड़ रुपये की लागत से बनी राजमार्ग सड़क, बेंगलुरु के पड़ोसी रामनगर जिले के पास जलभराव हो गई थी।
हाईवे पर अंडरब्रिज में पानी स्थिर रहा, जिससे बम्पर-टू-बम्पर दुर्घटनाओं की एक श्रृंखला हुई, जिसके परिणामस्वरूप धीमी गति से चलने वाले वाहन और राजमार्ग पर लंबे समय तक ट्रैफिक जाम रहा। यह वही अंडरब्रिज है, जिसमें पिछले साल बाढ़ आई थी, जब कर्नाटक में अभूतपूर्व बारिश हुई थी।
कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री बीएस बोम्मई और प्रधान मंत्री के खिलाफ उनके वाहनों को नुकसान पहुंचाने के लिए जमकर हंगामा किया और सवाल किया कि क्या राजमार्ग उद्घाटन के लिए तैयार है। चुनावी मौसम में मौका भांपकर अब वोटर यहां तक पूछ रहे हैं कि पीएम मोदी ने हाईवे का उद्घाटन किया, क्या उन्होंने अपने सड़क और परिवहन मंत्रालय से भी जांच की कि क्या सड़क उद्घाटन के लिए तैयार है?
क्या हमें वोट बैंक की राजनीति के लिए भुगतना चाहिए? एक अन्य उत्तेजित मतदाता ने कहा कि बम्पर-टू-बम्पर दुर्घटनाओं में उनका वाहन सबसे पहले था, ने सवाल किया कि दुर्घटनाओं के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर पीएम आते तो वे 10 मिनट में जलभराव को साफ कर देते।
जल्द ही अंडरब्रिज में पानी भरना शुरू हो गया, कई दुर्घटनाओं की सूचना मिली। पानी के पीछे हटने की कोई जगह नहीं है। अगर वहाँ है पीएम के आने की खबर मिलने पर वे 10 मिनट में इस जलभराव को साफ कर देंगे। इससे पहले बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे भी उदघाटन के चंद दिनों में कई स्थानों पर ध्वस्त हो गया था, जिसे लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर योगी आदित्यनाथ से भी सवाल पूछे थे।
इसी बात पर एक पुरानी फिल्म प्रेम नगर का एक गीत याद आने लगा है। इस गीत को लिखा था आनंद बक्षी ने और संगीत में ढाला था सचिन देव वर्मन ने। इसे किशोर कुमार ने अपना स्वर दिया था। गीत के बोल कुछ इस तरह हैं।
बाय बाय बाय बाय बाय बाय मिस गुड नाईट
कल फिर मिलेंगे बाय बाय मिस गुड नाईट
कल फिर मिलेंगे
रंगीला दिन बीता रंगीली रात आयी -2
बाय बाय मिस गुड नाईट कल फिर मिलेंगे -2
तू किस क़दर खूबसूरत है गीता
तुझसे मगर खूबसूरत है सीता
रीता तू भी कुछ कम नहीं नीता तुझ में दम नहीं -2
आँखों पे कैसी ये मस्ती सी छाई छाई छाई है
बाय बाय मिस गुड नाईट कल फिर मिलेंगे -2
बचपन से दिल है मेरा आशिक़ाना
ये इश्क़ है ज़िन्दगी का बहाना
जी न लगा मेरा झूलों में मैं न सोया कभी फूलों में -2
जुल्फों के साये मेरी नींद आई आई आई
बाय बाय मिस गुड नाईट कल फिर मिलेंगे -2
हर एक हसीं का क़दरदान हूँ मैं
हर दिल में इक रात मेहमान हूँ मैं
न तो मैं हरजाई हूँ न ही मैं सौदाई हूँ -2
झूठी क़सम न कभी मैंने खाई खाई खाइ
बाय बाय मिस गुड नाईट कल फिर मिलेंगे
रंगीला दिन बीता रंगीली रात आई
बाय बाय मिस गुड नाईट कल फिर मिलेंगे -2 बाय बाय बाय बाय
विकास की राजनीति में मजबूत सड़कों का इस तरह धंसना या परेशानी का कारण बनना, चुनावी माहौल में नये सवाल खड़े कर रहा है। राहुल गांधी ने पैदल यात्रा क्या कर रही, इतने अधिक आक्रामक हो गये हैं तो उन्हें संसद के भीतर बोलने से रोकने के लिए भी योजना बनाने की नौबत आ रही है।
यानी राहुल ने यह सही कहा था कि उन्हें नकारा साबित करने में भाजपा ने हजारों करोड़ रुपये खर्च किये थे। सिर्फ पैदल चलते हुए आम लोगों से बात चीत करने से यह पूरा खर्च ही बेकार हो गया है। अब वह जो बोल रहे हैं, वह घाव करे गंभीर हो गया है। भाजपा वालों को भी पता है कि संसद में राहुल गांधी फिर बोले तो क्या बोलेंगे।
पहले से भाषण के जिन हिस्से को हटाया गया है, वह तो अब धनखड़ साहब के लिए अलग परेशानी का कारण बना हुआ है। ऊपर से विपक्ष वाले अब काफी चालाक हो गये हैं। मोदी जी के पुराने भाषणों को ही निकाल निकाल कर ला रहे हैं। खैर अब तो संसद में सोमवार तक का आराम है। फिर सत्र शुरु होता है तो देखा जाएगा। परेशानी सिर्फ इस बात की है कि पूरा देश भी देख समझ रहा है।