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विपक्षी सांसदों ने राहत शिविरों का दौरा किया

  • हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर पहुंचा दल

  • दोनों समुदाय से गहरी बातचीत होगी

  • अनुराग ठाकुर ने दौरे की आलोचना की

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः भाजपा विरोधी खेमा यानी इंडिया के बीस सांसदों के दल ने आज मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान दल ने मीडिया से दूरी बनायी और यह कहा कि वे यहां पर राजनीति करने या हालात बिगाड़ने नहीं गए थे। वह लोगों का दुख-दर्द बांटने आये हैं। विपक्षी दल के सांसद सुबह इंफाल पहुंचे और हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर गए। प्रतिनिधिमंडल ने वहां सरकारी राहत शिविर में शरण लिये लोगों से बात की।

इस दल में कांग्रेस के लोकसभा नेता अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में राज्यसभा सांसद सुस्मिता देब, अरदेजी के मनोज कुमार, यूपी के सुशील गुप्ता, कांग्रेस के गौरव गोगोई, डीएमके की कनिमोझी और 20 अन्य गठबंधन सहयोगी उस पार्टी में हैं। चुराचांदपुर के राहत शिविर में गए अधीर ने कहा, उनके चेहरों से साफ है कि वे बहुत डरे हुए हैं।

किसी से बात करने की हिम्मत नहीं हो रही। वे जानते हैं कि सरकार उनके साथ खड़ी नहीं होगी। उनका सरकार पर से भरोसा उठ गया है। यह अपने आप में भयानक स्थिति है। अधीर ने कहा, हम लोगों का दुख बांटने आये हैं। राजनीति नहीं करनी है। वे आज सीबीआई के बारे में बात कर रहे हैं। इतने समय आप कहां थे। तृणमूल की सुष्मिता देव ने भी कहा, हम दोनों पक्षों सीबात सुनने आये हैं। यह दल कुकी समुदाय के लोगों से मिलेगा और मैतेई समाज से भी बात करेगा। सबकी बात सुनी जानी चाहिए।

संसद के अंदर और बाहर एक अखिल भारतीय गठबंधन ने मणिपुर में ज्वलंत अत्याचारों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर दबाव बनाया है। संयुक्त विपक्षी गठबंधन के आंदोलन से मोदी की तुलना खुद आतंकवादी संगठनों से होने लगी है। यहां तक ​​कि गठबंधन पर तरह-तरह से हमले करने के बावजूद भी भारत संसद में नहीं आ रहा है। ऐसे में इंडिया अलायंस के सांसदों का दो दिवसीय मणिपुर दौरा काफी अहम माना जा रहा है।

शनिवार को इम्फाल पहुंचने पर अधीर रंजन चौधरी और उनका दल हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर में हिंसक रूप से विस्थापित लोगों के आश्रय शिविर में गए। अधीर ने कहा, मणिपुर की घटना से अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में भारत की छवि को नुकसान पहुंचा है। इस महीने की शुरुआत में अपने मणिपुर दौरे के दौरान राहुल गांधी ने चुराचांदपुर का भी दौरा किया था। संयोग से, उस समय भी, भाजपा नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष पर कटाक्ष किया और कहा, राहुल सुर्खियों में रहने के लिए मणिपुर आए हैं।

याद दिला दें कि मणिपुर में 3 मई को जनजाति छात्र संगठन ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) के कार्यक्रम के आसपास अशांति शुरू हुई। मणिपुर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को मैतेई को अनुसूचित जाति का दर्जा देने के मुद्दे पर विचार करने का निर्देश दिया था। इसके तुरंत बाद जनसंगठन उनके विरोध में उतर आये। और उसी घटना से संघर्ष शुरू हो गया। उसके बाद से मणिपुर का समाज स्पष्ट तौर पर दो हिस्सों में बंट गया है।

इंडिया के सांसदों के इस दौरे पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने तंज कसते हुए कहा कि विरोधी दल मणिपुर के हालात को अपने फायदे के लिए एक राजनीतिक हथियार बना रहे हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि वे लोग सिर्फ वहां फोटो खिंचवाने गये हैं।

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