Breaking News in Hindi

काला पोशक पहन संसद में मणिपुर की मांग उठायी

  • अविश्वास प्रस्ताव पर अध्यक्ष ने नहीं लिया फैसला

  • सादे कपड़े में आने वालों के बांह पर काली पट्टी

  • मणिपुर को छोड़ हर विषय पर भाषण दे रहे मोदी

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्ली: विपक्ष ने आज संसद में काले पोशाक के साथ अपना विरोध दर्ज कराया। वे लगातार मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहे हैं। मणिपुर घटना पर एकजुट होकर विरोध में इंडिया ने मॉनसून सत्र के छठे दिन संसद में अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। मणिपुर की घटना के विरोध में यह सभी सदस्य काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता अधीर चौधरी, तृणमूल के दोनों सदनों के नेता डेरेक ओ ब्रायन और सुदीप बनर्जी ने गुरुवार को यह प्रतीकात्मक विरोध जताया। द्रमुक के टीआर बालू जैसे कुछ विपक्षी सांसद सादे कपड़ों में आये लेकिन उन्होंने विरोध जताने के लिए बांह पर काली पट्टियां पहनीं।

सत्र शुरू होने से पहले उन्होंने गांधी प्रतिमा के नीचे खड़े होकर विरोध भी जताया. मणिपुर घटना पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग करते हुए नारे लगाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले तीन महीनों से भाजपा शासित पूर्वोत्तर राज्य में महिलाओं के साथ जारी हिंसा और दुर्व्यवहार पर अभी तक संसद में बयान नहीं दिया है।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को कहा, ‘हम काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री का ध्यान मणिपुर की गंभीर स्थिति की ओर आकर्षित करना चाहते हैं। गुरुवार को विपक्षी खेमा ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अभी तक अविश्वास पर बहस की तारीख की घोषणा नहीं की है।

लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति द्वारा सौंपे गए दो नोटिसों को स्वीकार करने के बाद, प्रधान मंत्री को मौजूदा सत्र में ही संसद के निचले सदन में शक्ति परीक्षण का सामना करना पड़ेगा। ऐसे माहौल में गुरुवार को इंडिया की ओर से सरकार के विरोध का स्वर बुलंद किया गया। तृणमूल सांसद डोला सेन ने गुरुवार को कहा, प्रधानमंत्री दुनिया के सभी मुद्दों पर खुल कर बात करते हैं। वह अमेरिका से लेकर फ्रांस तक का दौरा कर आते हैं। देश दुनिया के हर विषय पर बोलने के लिए मोदी उपलब्ध हैं केवल मणिपुर के बारे में चुप हैं।

दो विधेयक पारित किये गये

लोकसभा में मणिपुर के मामले में विपक्ष के हंगामे एवं शोरशराबे के बीच दो महत्वपूर्ण विधेयक -जनविश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2023 तथा निरसन एवं संशोधन विधेयक 2022 को आज पारित कर दिया गया। नारेबाजी एवं हंगामा नहीं रुका तो उसी बीच श्री गोयल ने विधेयक पेश किया जिस पर संक्षिप्त चर्चा हुई।

इसके बाद जनविश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया। कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने एक और विधेयक पेश किया और कहा कि यह विधेयक भी कारोबारी सुगमता एवं जीवन की सुगमता के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें पहले 65 कानूनों को निरस्त करने का प्रावधान था लेकिन अब इसमें 11 कानून और जोड़े गये हैं। इस प्रकार से 76 कानूनों को निरस्त किया जा रहा है जो औपनिवेशिक काल के हैं। इसे भी ध्वनिमत से पारित कराया।

विपक्ष का राज्यसभा से लगातार चौथे दिन बहिर्गमन

नयी दिल्ली: मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वक्तव्य की मांग कर रहे समूचे विपक्ष ने गुरूवार को लगातार चौथे दिन राज्यसभा से बहिर्गमन किया। उपसभापति हरिवंश ने दो बार के स्थगन के बाद भेजनावकाश उपरांत जैसे ही सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 2023 पर चर्चा के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर का नाम पुकारा समूचे विपक्ष के सदस्य अपनी जगहों पर खड़े होकर मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग करने लगे।

श्री ठाकुर ने शोर शराबे के बीच ही विधेयक पर संक्षिप्त टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह विधेयक सिनेमैटोग्राफ एक्ट, 1952 में संशोधन के लिए लाया गया है। इस बीच विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ कहना चाहा लेकिन उपसभापति ने कहा कि वह केवल विधेयक पर ही अपनी बात रख सकते हैं। श्री खड़गे ने कहा कि वह विधेयक के साथ साथ मणिपुर पर भी बोलना चाहते हैं। उनके इतना कहते ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जोर जोर से नारेबाजी शुरू कर दी। उधर विपक्ष के सदस्य भी नारे लगा रहे थे। इसके बाद समूचे विपक्ष के सदस्य जोर जोर से बोलते हुए सदन से बहिर्गमन कर गये।

Leave A Reply

Your email address will not be published.