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संथाल में आदिवासियों का अस्तित्व खतरे मेः मरांडी

पांच दशकों के जनगणना का हवाला देते हुए गंभीर सवाल


  • वर्ष 1951 से 2011 का आंकड़ा दिया

  • यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा

  • दूसरे देशों ने भी घुसपैठियों को भगाया है


राष्ट्रीय खबर

 

रांचीः भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज पाकुड़ में राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा। श्री मरांडी ने कहा कि ठगबंधन सरकार की तुष्टिकरण नीति में घुसपैठियों को संरक्षण प्राप्त है। आदिवासी आबादी खतरे में है। ऐसा लगता है कुछ दिनो में अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा। उन्होंने 1951 से लेकर 2011तक हुए जनगणना रिपोर्ट को रखते हुए कहा कि यह भारत सरकार का सेंसस रिपोर्ट है जो नरेंद्र मोदी जी को देश की सत्ता में आने से पहले का है। उन्होंने कहा कि आज जनसंख्या दिवस है और आंकड़े बताते हैं कैसे संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी लगातार घट रही और मुस्लिम आबादी अप्रत्याशित ढंग से बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि 1951में संथाल परगना में आदिवासी आबादी 44.67 प्रतिशत थी और मुस्लिम आबादी 9.44 प्रतिशत थी और सामान्य आबादी 45.91 प्रतिशत थी। आज 2011की जनगणना रिपोर्ट को देखें तो मुस्लिम आबादी में ढाई गुना वृद्धि के साथ 22.73 प्रतिशत हो गई जबकि आदिवासियों की आबादी 44.67 प्रतिशत से घटकर 28.11 प्रतिशत हो गई। यही पर सामान्य आबादी 45.9 प्रतिशतसे 49.2 प्रतिशत तक ही बढ़ी।

 

श्री मरांडी ने कहा कि स्पष्ट है कि संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी को लव जिहाद, लैंड जिहाद के नाम पर सुनियोजित तरीके  से घटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि साहेबगंज और पाकुड़ की स्थिति तो भयावह है। एक विधानसभा क्षेत्र में 50हजार मतदाता बढ़ गए।लगभग 123 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आखिर यह अप्रत्याशित वृद्धि कैसे हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा वोट बैंक की राजनीति नहीं करती ।भाजपा देश केलिए राजनीति करती है। राष्ट्र प्रथम के संकल्प के साथ हम काम करते हैं। उन्होंने कहा कि जब जनसंघ का गठन हुआ था उसी समय से हम धारा 370का विरोध करते थे भले हमारी राजनीतिक ताकत कम थी। लेकिन देश के मुद्दों पर कभी समझौता नही किया।

उन्होंने कहा कि घुसपैठिए भी देश के विरोधी हैं। अनेक  देशों ने घुसपैठियों को बाहर किया है। पाकिस्तान ने भी अफगानिस्तानियो को बाहर किया है भले वे मुस्लिम ही क्यों न हों। उन्होंने कहा कि राज्य में घुसपैठ की समस्या को माननीय उच्च न्यायालय ने भी गंभीर माना है।सभी जिला के उपायुक्तों को इस दिशा में कारवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तुष्टिकरण छोड़ घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कारवाई करे।उनका संरक्षण बंद करे।

 

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