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मणिपुर के विस्फोटों के तार अब दिल्ली और हरियाणा तक जुड़े

ड्रोन बमों की आपूर्ति यहां से ही की गयी थीः एनआईए

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः पिछले साल सितंबर में इंफाल के कोत्रुक और कडांगबंद में गिराए गए ड्रोन के सप्लायर दिल्ली और हरियाणा के थे, यह बात राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में सामने आई है। एनआईए के मुताबिक, दिल्ली के मयंक शर्मा और रोहतक के विक्रम चौधरी से मोटी रकम देकर ये ड्रोन बम खरीदने वाला सरगना गमंगई गांव का खैगौलेन किपगेन नाम का एक स्थानीय व्यक्ति है।

एनआईए ने कहा कि किपगेन ने कुमार और चौधरी से ये ड्रोन और उनकी बैटरियां नकद और ऑनलाइन भुगतान करके खरीदी थीं। एनआईए 20 सितंबर को जांच अपने हाथ में लेने के बाद 1 सितंबर, 2024 को इंफाल पश्चिम के कोत्रुक, कडांगबंद और सेनजाम चिरांग पर संदिग्ध कुकी उग्रवादियों द्वारा किए गए हमले की जांच कर रही है।

एनआईए अदालत में पेश की गई एनआईए रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि एक अन्य व्यक्ति लाइकंगबाम अल्बर्ट सिंह (36) ने भी शर्मा और चौधरी से ड्रोन और बैटरियां खरीदी थीं। हमले में 31 वर्षीय महिला नंगबाम सुरबाला देवी की मौत हो गई, जबकि उनकी छह वर्षीय बेटी घायल हो गई।

स्थानीय लोगों ने कहा कि ऐसा लग रहा था जैसे पहाड़ियों से ड्रोन कई घंटों तक उड़ान भर रहे थे। दरअसल पहली बार मणिपुर में इस किस्म का हमला होने की सूचना ने वहां तैनात सुरक्षाबलों की सतर्क कर दिया था। सीमावर्ती राज्य होने की वजह से सबसे पहले इसका संदेह चीन की तरफ गया था।

यह भी आरोप लगाया गया था कि इस किस्म के ड्रोन से बम गिराने की तकनीक और उपकरण म्यांमार के रास्ते भारत में पहुंचाये गये थे। अब राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सच्चाई का खुलासा कर दिया है। बता दें कि सितंबर 2024 के हमले में कुकी आतंकवादियों द्वारा ड्रोन की मदद से मणिपुर के इतिहास में पहली बार 40 से अधिक बम गिराए गए थे।सितंबर 2024 के हमले में कुकी आतंकवादियों द्वारा ड्रोन की मदद से मणिपुर के इतिहास में पहली बार 40 से अधिक बम गिराए गए थे।

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