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अहमदाबादः गुजरात चुनाव में एक नई पार्टी भी मैदान में उतरने जा रही है। इस पार्टी का नाम है प्रजा विजय पार्टी। इस पार्टी की तरफ से राज्य की सभी सीटों पर प्रत्याशी देने का फैसला भी सार्वजनिक किया गया है। इस पार्टी की चर्चा अभी इसलिए अधिक हो रही है क्योंकि उसे विवादों से घिरे रहे भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी डीजी बंजारा ने उतारा है।
उन्होंने इस नये दल के गठन का एलान किया है। याद दिला दें कि सोहाबुद्दीन शेख मामले में बंजारा को बेकसूर पाने की वजह से अदालत ने रिहा कर दिया था। इसके अलावा इशरतजहां हत्याकांड में भी उनका नाम आया था। वर्ष 2004 में इशरतजहां हत्याकांड में नाम आने के अलावा उनकी चर्चा तुलसी प्रजापति हत्या में भी हुई थी।
इन मामलों में वह आठ साल तक जेल में रहे थे। वर्ष 2015 में अदालत ने सभी मामलों में उन्हें निर्दोष पाते हुए जेल से रिहा कर दिया था। वैसे उनके खिलाफ हुई कार्रवाई के बारे में राजनीतिक जानकार अमित शाह से उनकी अनबन को भी मानते हैं। अब उन्होंने मैदान में आते ही साफ कर दिया है कि आगामी 1 और पांच दिसंबर को होने वाले मतदान में उनकी नई पार्टी पीवीपी सभी सीटों पर मुकाबला करेगी।
इस पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा कि वे साफ तौर पर हिंदूवादी आदर्शों के आधार पर ही राजनीति करने आये हैं। उनके मुताबिक गुजरात की जनता जल्दबाजी में किसी गैरहिंदू समर्थक पार्टी की सरकार को पसंद नहीं करती है। इसी वजह से तमाम खामियों के बाद भी पिछले 27 सालों से यहां भाजपा की सरकार है। इसी से गुजरात की जनता के बहुमत की सोच का पता चल जाता है। इसलिए यह नई पार्टी भी हिंदुत्व के आधार पर राजनीति के मैदान में रहेगी। यह पहले ही साफ कर दिया गया है कि पीवीपी एक हिंदुत्वादी पार्टी है।
उनके मुताबिक कांग्रेस अथवा आम आदमी पार्टी कोई भी वर्तमान भाजपा सरकार को परास्त करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि इन दलों के बारे में गुजरात की जनता के बहुमत को भरोसा ही नहीं है। वैसे दूसरी तरफ से यह चर्चा भी बाहर आयी है कि खुद बंजारा ने भाजपा से टिकट लेकर चुनाव लड़ने की मंशा जतायी थी। टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने अपने समर्थकों से विचार कर इस तरीके से मैदान में उतरने का मन बनाया है। इस बारे में बंजारा का कहना है कि वह आदर्शवादी राजनीति के लिए मैदान में आये हैं। किसी पार्टी के टिकट के लिए वह किसी दरवाजे पर लाइन लगाने वाले व्यक्ति नहीं है।