वाशिंगटनः नासा का जो सैटेलाइट काफी अरसा पहले ही निष्क्रिय हो चुका था वह फिर से धरती की धुरी पर लौट आया है। 38 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद अचानक इस सैटेलाइट के इस धुरी पर लौट आने के बाद उस पर लगातार नजर रखी जा रही है।
नासा के एलान के मुताबिक ईआरबीएस नामक इस सैटेलाइट को वर्ष 1984 में स्पेस शटर चैलेंजर के जरिए छोड़ा गया था। वर्ष 2005 तक इस सैटेलाइट से मिलने वाले आंकड़ों से शोध दल को फादा होता रहा। इस सैटेलाइट को खास तौर पर धरती पर आने वाले विकिरण को नापने के लिए अंतरिक्ष में भेजा गया था।
इस सैटेलाइट ने ओजोन पर्त, वाष्प, नाइट्रोजन डॉईऑक्साइड और एयरोसोल के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी थी। उसके बाद सैटेलाइट की समय सीमा समाप्त हो गयी थी। इस कारण वह धरती के बाहर के इलाके में अंतरिक्ष के कबाड़ के तौर पर चक्कर लगा रहा था।
इस किस्म की गतिविधियों पर नजर रखने वालों ने पा कि रविवार की रात 11 बजे के बाद अचानक से यह फिर से पृथ्वी की धुरी पर नजर आने लगा है। देखते ही देखते यह पृथ्वी का वायुमंडल के अंदर आने के बाद नीचे गिरा। वैसे इसका अधिकांश हिस्सा आसमान में ही घर्षण की वजह से जलकर राख हो गया था।
शेष हिस्से के बारे में अनुमान है कि यह बेरिंग सागर के पास गिरा है। वैसे 21 साल तक काम करने के बाद अंतरिक्ष में कबाड़ हो चुके इस सैटेलाइट ने खगोल वैज्ञानिकों को फिर से अंतरिक्ष के कबाड़ पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।
पहले के अनेक अंतरिक्ष अभियानों का ऐसे कचड़ा हमारे वायुमंडल से बाहर चक्कर काट रहा है। उनकी वजह से भावी अंतरिक्ष अभियानों को भी खतरा हो सकता है। दूसरी तरफ कभी भी बिना किसी पूर्व सूचना के ऐसे कबाड़ पृथ्वी के वायुमंडल के अंदर चले जाने के बाद धरती पर आ गिरते हैं।