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कोरोना पर भारत को और सावधान हो जाना चाहिए

कोरोना की स्थिति भारत में नियंत्रण में है और आंकड़ों की बात करें तो यह तेजी से कम हो रहा है। इसके बीच ही चीन से जो सूचनाएं आ रही हैं, वह भारत को सतर्क रहने की हिदायत देती हैं। जब भारत में पहली बार कोरोना फैला था तो बड़ी चालाकी से इसका सारा दोष तबलीगी जमात पर मढ़ने की कोशिश हुई थी। जमात के लिए देश विदेश से आये लोगों की हरकतें भी गलत थी, जिन्होंने भारत में रहते हुए भारतीय कानूनों का पालन करना मुनासिब नहीं समझा था।

इस वजह से यह एक फर्जी सोच फैली कि इन्हीं लोगों की वजह से कोरोना देश में आया है। दूसरी तरफ दुनिया में कोरोना फैलने की सूचना आम होने के बाद कितने लोग विमानों से भारत लौटे और बीमार पड़े, इसका कोई आंकड़ा नहीं जारी हुआ। इस दौरान निजी फ्लाइट से भी अनेक लोग चुपचाप स्वदेश लौट आये औऱ वे अपने साथ कोरोना लाये अथवा नहीं, इसकी जांच नहीं हुई।

सिर्फ विदेश से लौटी एक अभिनेत्री सह मॉडल के कोरोना पीड़ित होने की सूचना सार्वजनिक हो पायी। इसलिए कोरोना के मामले में भारत को चारों खाने चौकसी बरतने की जरूरत है। यह आवश्यकता इसलिए भी है क्योंकि नया कोरोना वायरस पहले के मुकाबले अधिक संक्रामक है, यह साबित हो चुका है।

साथ ही वैज्ञानिकों ने यह भी खोज लिया है कि संक्रमण के तुरंत बाद की गयी सामान्य जांच से यह वायरस संक्रमण पकड़ में भी नहीं आता है। अब ताजी सूचना यह है कि कोविड-19 प्रतिबंधों में ढील के बाद चीन में कोरोनो वायरस के मामलों में तेजी आई है। एपिडेमोलॉजिस्ट एरिक फीगल-डिंग ने बताया कि चीन में अस्पताल पूरी तरह से चरमरा गए हैं। महामारी विशेषज्ञ का अनुमान है कि अगले 90 दिनों में चीन के 60 प्रतिशत से अधिक और पृथ्वी की 10 प्रतिशत आबादी के संक्रमित होने की संभावना है और लाखों लोगों की मौत भी हो सकती है।

रिपोर्ट के अनुसार, श्मशान में आने वाले कोविड संक्रमित शवों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है क्योंकि चीन की राजधानी में वायरस तेजी से फैल रहा है। महामारी प्रतिबंधों में अचानक ढील देने के बाद इस तरह के हालात बने हैं। फीगल-डिंग ने तो यहां तक कहा कि, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने बढ़ते मरीजों की वजह से यहां तक कह दिया है कि, “जिसे भी संक्रमित होना है, संक्रमित होने दें, जिसे मरने की जरूरत है, उसे मरने दें।”

स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने ये भी दावा किया है कि अब चीन में संक्रमितों की संख्या एक दिन से भी कम समय में दोगुनी हो सकती है। जानकारी के मुताबिक अधिकारियों ने 19 और 23 नवंबर के बीच चार मौतों की घोषणा के बाद से चीन ने बीजिंग में कोई कोविड-19 मौत की सूचना नहीं दी है।

चीन की राजधानी बीजिंग डोंगजियाओ श्मशान घाट में काम करने वाले लोगों के हवाले से दावा किया है देश में पिछले कुछ दिनों में दाह संस्कार और अन्य अंत्येष्टि सेवाओं के अनुरोधों में उछाल आया है। शुक्रवार को श्मशान घाट पर फोन पर बात करने वाली एक महिला ने कहा, कोविड के फिर से आने के बाद से काम का बोझ बढ़ गया है।

महिला ने कहा कि डोंगजियाओ शवदाह गृह पर इतने शव आ रहे हैं कि, तड़के सुबह से लेकर आधी रात तक दाह संस्कार करना पड़ रहा है। श्मशान में हर दिन लगभग 200 शव आते हैं। महिला ने ये भी बताया कि बढ़ते मामलों की वजह से कई अन्य लोग भी संक्रमित हो गए हैं।

इस बीच बता दें कि, चीन के एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि इस सर्दी में चीन कोविड-19 की तीन संभावित लहरों में से पहली लहर का सामना कर रहा है। महामारी विज्ञानी ने कहा कि उनका मानना है कि संक्रमण दर में मौजूदा इजाफा जनवरी के मध्य तक चलेगा, जबकि दूसरी लहर के जनवरी के अंत तक तेज हो जाने की संभाना है।

जुन्यो ने आगे कहा कि कोरोना वायरस के केसों में तीसरा उछाल फरवरी के अंत से मार्च के मध्य तक चलेगा, क्योंकि लोग छुट्टी बिताने के बाद काम पर लौटेंगे। इसलिए पिछले अनुभवों के आधार पर भारत सरकार को अपने यहां फिर से इस संक्रमण को फैलने से रोकने की दिशा में पूर्व तैयारी कर लेनी चाहिए।

चीन से किसी दूसरे देश से होते हुए भारत आने वालों पर भी नजरदारी जरूरी है। पिछली बार भी चीन से सीधे नहीं तो पश्चिमी दुनिया के रास्ते ही देश में कोरोना वायरस का प्रवेश हुआ था। इस महामारी ने लाखों लोगों को निगल लेने के अलावा देश की अर्थव्यवस्था को जो चोट पहुंचायी है, उसकी पुनरावृत्ति ना हो, इस पर ध्यान देना भी जरूरी है। समय रहते उपाय किया जाना बुद्धिमानी है, यह सभी जानते हैं।

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