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कियेब पर जारी रहा रूसी सेना का ड्रोन हमला अभियान

  • उत्तर की तरफ से भी हमला होने का अंदेशा

  • पहले से ही रूस समर्थक हैं राष्ट्रपति लुकाशेंको

  • इस तरफ से कियेब की दूरी बहुत कम होती है

कियेबः रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन आज बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको से मिलने मिंस्क पहुंचे हैं। इधर यूक्रेन की राजधानी कियेब में सुबह ही ड्रोन से हमला हुआ है। इन हमलों से कई सरकारी इमारतों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति बोलोडीमीर जेलेंस्की के एक सलाह ने कहा है कि रूस अब कभी भी अपना हमला तेज कर सकता है क्योंकि देश में जारी कड़ाके की ठंड को भी रूस ने अपना हथियार बना लिया है।

ड्रोन हमले से बिजली आपूर्ति बाधित होने की वजह से जनता को अधिक परेशानियां हो रही हैं। दूसरी तरफ बेलारूस में पुतिन का पहुंचना इस बात का भी संकेत है कि उचित समय देखकर वह बेलारूस को भी रूस में शामिल कर उस तरफ से भी यूक्रेन पर हमला कर सकते हैं क्योंकि बेलारूस की तरफ से कियेब बहुत नजदीकी इलाका है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति द्वारा पश्चिमी देशों से और हथियार मांगने के बीच ही ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने यूक्रेन को नया तोपखाना उपलब्ध कराने का एलान कर दिया है। युद्ध प्रारंभ होने से लेकर अब तक यूक्रेन पर रूसी सेना ने करीब चार हजार मिसाइल दागे हैं। कियेब के पास ही सुबह सुबह बड़े धमाके सुनाई पड़े हैं।

जिसके बारे में बताया गया है कि यह रूसी ड्रोन का हमला था। वैसे कल रात के बारे में यूक्रेन की सेना ने दावा किया है कि रूसी सेना द्वारा दागे गये 23 ड्रोनों में से 18 को उनलोगों ने मार गिराया है। इसके अलावा डोनेस्क और लुहांस्क के रूसी कब्जे से करीब 15 इलाकों को मुक्त कराने का दावा किया गया है।

रूसी राष्ट्रपति का विमान दोपहर करीब पौने दो बजे मिंस्क पहुंचा। बेलारूस की राजधानी में वह लुकाशेंकों से कई मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे। वैसे रूस के कई अन्य मंत्री पहले ही यहां पहुंच चुके हैं। जिनमें रूसी रक्षा मंत्री सेरेगेई शोइगू शामिल हैं। बेलारूस की अर्थव्यवस्था में रूसी मुद्रा को मान्यता देने का फैसला पहले ही लुकाशेंको कर चुके हैं।

जिस कारण यह माना जा रहा है कि यह देश भी कभी न कभी रूस का हिस्सा बनने की तरफ अग्रसर है। इस वजह से भी यूक्रेन की चिंता बढ़ी हुई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यूक्रेन की राजधानी कियेब उत्तरी छोर पर है, जो बेलारूस सीमा के बेहद करीब है। अगर रूसी सेना ने बेलारूस के रास्ते से हमला किया तो यह यूक्रेन के लिए अधिक कठिन होगा।

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