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खेरसान में अब यूक्रेन का पूर्ण नियंत्रण कायम

खेरसोनः रूसी सेना अब यहां नहीं है। युद्ध प्रारंभ होने के प्रारंभिक दिनों में ही कांटे की टक्कर के बाद रूस सेना ने इस इलाके को अपने कब्जे में ले लिया था। बाद में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के निर्देश पर सेना वहां से लौट चुकी है। इसी वजह से वहां की जनता ने चौक चौराहों पर यूक्रेन का झंडा फहराया और खुशी जाहिर की। खेरसोन में यह माहौल उत्सव जैसा ही है जबकि अभी शहर में पानी, बिजली या इंटरनेट कोई भी इंतजाम नहीं है।

लोगों में सिर्फ युद्ध जीतने और आजाद होने का जश्न है। पिछले आठ महीने से यहां के लोग क्रूर शासन के तले रहने पर विवश थे और उसका खुलासा हुआ है। शनिवार को यहां के विभिन्न इलाकों में यूक्रेन के सैनिक भी तैनात हो गये। इसके बीच ही आम जनता ने बाहर निकलकर अपनी खुशी का इजहार किया। वैसे रूसी सेना के हट जाने के बाद बिजली आपूर्ति की अस्थायी व्यवस्था हुई है और सभी इलाकों को अलग अलग बांटकर बिजली उपलब्ध कराया जा रहा है।

शहर की बहुमंजिली इमारतों के ऊपर यूक्रेन का झंडा फहराया गया है। इस शहर के रूसी सेना के हमले के प्रारंभिक दौर में प्रतिरोध करने की कोशिश की थी लेकिन रूसी सेना के सामने उनकी कुछ चल नहीं पायी थी। लोग बताते हैं कि रूसी सेना का विरोध करने वाले अनेक लोग अब भी लापता हैं। लोगों की शिकायत है कि रूसी कब्जे के दौरान रूसी सेना ने यहां के नागरिकों पर हर किस्म का अत्याचार किया है।

इसलिए तमाम कठिनाइयों के बाद भी अब इस बात का एहसास ही सुखद है कि वे अब गुलाम नहीं रहे। वैसे लोग यह बताना नहीं भूलते कि इस दौरान अनेक परिवारों ने अपने लोगों को खोया है। कुछ लोग मारे गये हैं जबकि अनेक रूसी सेना से लड़ते हुए लापता हो गये हैं। वहां तैनात यूक्रेन की सेना के जवानों ने बताया कि वे शहर के बाहरी इलाकों में घेराबंद कर हमले की तैयारी कर रहे थे। इसके बीच ही रूसी सेना के पीछे हटने का नजारा सामने आ गया। सैनिकों के मुताबिक खेरसोन के युद्ध के असली नायक को यहां के नागरिक हैं, जिन्होंने इस अत्याचार के आगे भी कभी घुटने नहीं टेके।

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