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कैनिंग में संदीप घोष का विशाल बंगला भी है

आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल को लेकर चर्चा जारी

  • कभी कभार वह यहां आते भी है

  •  बंगले की देखभाल के लिए कर्मचारी

  • काफी जमीन खरीदने की भी चर्चा है

राष्ट्रीय खबर

 

कैनिंगः  आरजी कर अस्पताल भ्रष्टाचार मामले में फंसे पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का आलीशान बंगला कैनिंग में मिला है। इसको लेकर स्थानीय निवासियों में खूब चर्चा चल रही है। संदीप बाबू का यह बंगला कैनिंग 2 ब्लॉक के नारायणपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र में स्थित है।

स्थानीय लोगों का दावा है कि यह बंगला करीब दस बीघे जमीन पर बना है। घर का नाम संगीता-संदीप विला है। मालूम हो कि यह बंगला दो साल पहले बनाया गया था। देखभाल के लिए एक केयरटेकर भी है। कभी-कभी संदीप बाबू अपने परिवार के साथ यहां समय बिताने आते थे।

लेकिन पूर्व प्राचार्य आरजी कर मामले के बाद  यहां नहीं आये हैं। इस आलीशान बंगले पर फिलहाल ताला लगा हुआ है। पूर्व प्रिंसिपल की गिरफ्तारी के बाद से उनके विभिन्न मामलों को लेकर आम जनता की उत्सुकता बढ़ गई है।

स्थानीय निवासियों की शिकायत है कि दक्षिण 24 परगना के कैनिंग 2 ब्लॉक के घुटियारी शरीफ के नारायणपुर मौजा में सैकड़ों बीघे जमीन खरीदी गयी है। इतना ही नहीं, वहां बड़े-बड़े बंगलानुमा घर भी बनाए गए हैं। कई स्थानीय युवाओं ने वहां फार्म हाउस बना लिए हैं।

लेकिन सब कुछ संदीप घोष के निर्देशों के मुताबिक चल रहा था। पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने संदीप घोष के खिलाफ सरकारी धन की बर्बादी, संविदा कर्मियों की भर्ती में अनियमितता, बायोमेडिकल कचरे की अवैध बिक्री सहित कई आरोप लगाए थे।

उस शिकायत के आधार पर सीबीआई ने जांच शुरू की। संदीप घोष समेत कई लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। कैनिंग 2 ब्लॉक के नारायणपुर ग्राम पंचायत अंतर्गत संदीप घोष के एक बंगले वाले घर का पता लगाया जा चुका है।

घर का नाम संगीतसंदीप विला है। लेकिन उनके घर के केयरटेकर जाकिर लश्कर ने कहा, ‘वह कभी-कभी अपने परिवार के साथ नारायणपुर के इस बंगले वाले घर में आते थे। यह घर उन्होंने करीब दो साल पहले बनाया था।

इस बीच बांग्ला टीवी और सोशल मीडिया के मुताबिक ईडी ने उनकी संपत्ति पर छापा मारा है। कोलकाता में करीब छह जगहों पर छापेमारी कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, डॉ संदीप घोष और उनके करीबी सहयोगियों से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।

शहर में डॉ घोष के घर पर ईडी की एक टीम मौजूद है। एजेंसी अस्पताल के डेटा एंट्री ऑपरेटर प्रसून चटर्जी के घर पर भी तलाशी ले रही है। ईडी ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. घोष के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दाखिल करके औपचारिक जांच शुरू कर दी है।
यह 23 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा राज्य द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के आदेश के बाद आया है। यह जांच फरवरी 2021 से सितंबर 2023 तक आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में घोष के कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के संबंध में की जा रही है।

पूर्व उप अधीक्षक डॉ अख्तर अली ने वित्तीय कदाचार के कई दावों की ईडी जांच के लिए याचिका दायर की थी। अक्टूबर 2023 में घोष के संक्षिप्त स्थानांतरण और उसके बाद उनकी बहाली ने संदेह पैदा कर दिया है कि डॉ अली ने भ्रष्टाचार और डॉक्टर की मौत के बीच संभावित संबंध का सुझाव दिया है, जिसका अर्थ है कि पीड़ित ने कदाचार को उजागर करने की धमकी दी होगी। ईडी की जांच घोष के कार्यकाल के दौरान वित्तीय लेन-देन और कथित गबन की जांच कर रही है।

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