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सरकार ने बिहार के दो एडीजी का तबादला किया

  • 1998 बैच के एमआर नायक को मिली नई जिम्मेदारी

  • 1995 बैच के रविंद्रन शंकरण का एटीएस से तबादला

  • बिहार में काफी अंतराल के बाद अंततः हुआ स्थानांतरण

दीपक नौरंगी

पटना: बिहार में आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के तबादले को लेकर हमेशा चर्चा बनी रहती है कई आईएएस अधिकारी को कार्यकाल का समय पूरा हो गया है लेकिन राज्य सरकार ने उनका तबादला नहीं किया है।

उसी तरह कई आईपीएस अधिकारी जिनका कार्यकाल पूरा नहीं हुआ था काफी कम महीनों के अंतराल में उनका तबादला पुलिस मुख्यालय में ही पुलिस मुख्यालय विभाग में किया गया है।

इसका जीता जागता उदाहरण है कि हाल-फिलहाल आईजी से प्रमोशन से एडीजी बने एमआर नायक जो 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी है उनको राज्य सरकार ने दिसंबर के अंतिम महीने में प्रमोशन दिया था और एक जनवरी से एमआर नायक साहब ने एडीजी बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस पदभार ग्रहण किया था।

मात्र छह महीने में ही एमआर नायक को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस से उनको बदलते हुए आतंकवाद निरोधक दस्ता का एडीजी बनाकर एक नई जिम्मेदारी दी गई है 1995 बैच के आईपीएस रविंद्रन शंकरण को एटीएस विभाग से बदलते हुए बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस की नई जिम्मेदारी मिली है।

आईपीएस रविंद्रन शंकरण को अपर पुलिस महानिदेशक बिहार विशेष  सशस्त्र पुलिस के अलावा अतिरिक्त प्रभार में बिहार राज्य खेलकूद  प्राधिकरण की जिम्मेदारी भी उनके पास है।

डीजीपी आर एस भट्टी साहब ने जब पदभार ग्रहण किया था उसके बाद यह चर्चा होने लगी थी कि एमआर नायक जो 1998 बैच के आईपीएस को एडीजी हेडक्वार्टर बनाया जाने की चर्चा काफी थी।

लेकिन एडीजी हेड क्वार्टर का पद पर फिलहाल जितेंद्र सिंह गंगवार उस पद पर बने हुए हैं लेकिन आतंकवाद निरोधक दस्ता बिहार के एडीजी एमआर नायक को बनाने में डीजीपी भट्टी साहब की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है।

अब देखना है कि राज्य सरकार जून के अंतिम महीने में कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी का तबादला करती है या फिर दिसंबर के अंतिम महीने में आईएएस और आईपीएस अधिकारी का तबादला होता है अचानक राज्य सरकार दो एडीजी स्तर के वरीय पुलिस पदाधिकारी को कम महीने अंतराल में तबादला कर देने से पुलिस मुख्यालय में कई तरह की चर्चाएं भी देखी जा रही है।

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