आम तौर पर यह भारत के राजनीतिक दलों की आदत हो गयी है कि वह कुछ भी वादा कर देते हैं और बाद में भूल जाते हैं। जिन वादों को जनता बार बार याद… अधिक पढ़ें...
कुछ तो कहो का सवाल जिसके लिए प्रासंगिक है, वह चुप है और जिन्हें नहीं बोलना चाहिए था, वह बोलकर अपने लिए परेशानी मोल ले रहे हैं। बिना चाहे… अधिक पढ़ें...
ना पूछो और ना पूछने दो, यह भारतीय राजनीति का नया फैशन है। इसकी चर्चा इसलिए अधिक है कि पहले बोलने की वजह से अरविंद केजरीवाल को 25 हजार का… अधिक पढ़ें...