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केंद्रीय जांच एजेंसियों की नजर बनी है किसी खास पर

भागलपुर एक स्वर्ण व्यवसाई के अंतरराष्ट्रीय मूर्ति चोरों से कैसे तालुकात

  • पहले से भी यहां मूर्ति चोरों का गिरोह रहा है

  • एक अपराधी के पास कई मूर्तियां बरामद हुई

  • कई नाम जुड़े हैं इस आभूषण कारोबारी के साथ

दीपक नौरंगी

भागलपुर : पूर्व बिहार का भागलपुर जिला मूर्ति चोरों का एक बड़ा केंद्र रहा है। जहां पहले भी कई मूर्ति चोर पकड़े जा चुके हैं। शहर के एक बड़े स्वर्ण व्यवसायी को पहले भी पकड़ा जा चुका है।

सीबीआई ने लुकआउट नोटिस जारी कर भागलपुर पुलिस को यह बताया है कि मोहम्मद शाहरूख के विरूद्ध मूर्ति चोरी का मामला दर्ज किया गया है। उसके पास से दो ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व की मूर्तियां बरामद की गई है।

सूत्रों पर विश्वास करें तो भागलपुर जिले के सोना चांदी के एक बड़े स्वर्ण व्यवसाई पर जांच एजेंसियों की नजर टिकी हुई है। बताया जाता है फिलहाल भागलपुर में समाजसेवी का रूप चोला धारण करने वाले ऐसे कई लोग उक्त व्यवसाई के शागिर्द बने हुए हैं।

जिसकी वजह से कई बड़ी जांच एजेंसियों का शक की सूई उक्त व्यवसाई की ओर घूमती नजर आ रही है। उस उक्त स्वर्ण व्यवसाई के जमीन खरीद बिक्री में और अन्य मामलों में जो लोग पार्टनर हैं उन पर आरोप-प्रत्यारोप मूर्ति चोरी के मामले में चर्चा का विषय बने रहते हैं।

ऐसे में जांच एजेंसियों की टेढ़ी नजर उक्त स्वर्ण व्यवसायी पर है क्योंकि कई वर्ष पूर्व उक्त स्वर्ण व्यवसाई ऐसे ही एक मामले के जांच के दायरे में उनसे पूछताछ किए जाने की बात सामने आई थी।

पुलिस को पुख्ता साक्ष्य नहीं मिलने के कारण कोतवाली थाना में एक सन्हा एंट्री करा कर उक्त व्यवसाई को पुलिस ने बॉन्ड पेपर से छोड़ दिया गया था। लेकिन क्या यह सच है कि भागलपुर का उक्त व्यवसाई अष्टधातु के बड़े मूर्ति चोरों तस्करों से उक्त व्यवसाई के कैसे और क्या तालुकात है।

यह तो अब जांच का विषय है जांच के बाद ही उस सच्चाई सामने आ सकती है। बिहार के पुलिस मुखिया आर एस भट्टी को ऐसे मामले में गंभीरता लेकर बिहार के हर जिले से जांच करवानी चाहिए कि क्या पुरानी अष्टधातु की मूर्ति की खरीद बिक्री का कारोबार बिहार के किस जिले में हो रहा है और इसमें कौन-कौन लोग किन किन व्यवसायियों की मिलीभगत है।

पुलिस मुख्यालय को जांच करवानी चाहिए जैसे कि दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जाएगा। मामले में भागलपुर के कुछ बड़े व्यवसाई शामिल है तो क्या पुलिस ऐसे लोगों पर जांच कर पाएगी, जैसे कई बड़े और अहम सवाल इस मामले में उठ रहे हैं?

लेकिन यह पता नहीं चल पा रहा है कि इन चोरों ने उक्त पुरातात्विक महत्व की मूर्तियां कहां से चुराई है। मालूम हो कि पूर्व बिहार,कोसी एवं सीमांचल के आधे दर्जन स्थानों से पुरातात्विक महत्व की मूर्तियां मंदिरों से चोरी हो चुकी है।

हाल ही में चोरों ने कोसी अंचल के अति प्रसिद्ध सिंहेश्वर मंदिर से बाबा की मुकुट आदि की चोरी कर ली। मधेपुरा के मुरलीगंज के ठाकुरबाड़ी से भी मूर्ति चोरी की गई है। इससे पूर्व पूर्व बिहार के प्रसिद्ध जैन स्थल जमुई जिले के लफुआर से भी महावीर जैन की मूर्ति चोरी हुई थी।

इस घटना के बाद जैन समाज के लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त था।चोरी की मूर्तियां उत्तरप्रदेश के आगरा से बरामद की गई थी। इसके अलावा डेढ़ दशक पूर्व भागलपुर जिले के मोजाहिदपुर थाना की पुलिस ने चोरी की मूर्तियां बरामद की थी।

मुंगेर जिले के तारापुरथाना क्षेत्र के धौनी ठाकुरबाड़ी से भी कीमती मूर्तियों की चोरी हो चुकी है। भागलपुर के डीआईजी विवेकानंद मंडल ने सभी थानाध्यक्षों को पत्र लिखकर बरामद मूर्तियों के संबंध में पूरी जानकारी मांगी है। साथ ही साथ मूर्ति चोर गिरोह पर नजर रखने का भी निर्देश दिया है।

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