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अडाणी विवाद का अब चीनी कनेक्शन का नया आरोप

कौन है चैंग चुंग ली और उनकी कंपनी गुदामी इंटरनेशनल

  • अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर में नाम आया था

  • सिंगापुर और थाईलैंड में कारोबार फैला है

  • इस व्यक्ति का वर्तमान पता सिंगापुर है

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः चीन के साथ तनावपूर्ण कूटनीतिक और सैन्य संबंधों के बीच अडाणी समूह के चीनी रिश्ते पर नई बात सामने आयी है। हिंडेनबर्ग ने नये सिरे से कहा है कि इस चैंग चुंग ली के साथ अडाणी का क्या रिश्ता है, यह अडाणी समूह स्पष्ट करे।

हिंडेनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक चैंग चुंग ली दरअसल गुदामी इंटरनेशनल कंपनी के मालिक हैं और चीन के शी जिनपिंग सरकार के प्रियपात्र हैं। कंपनी पहले ही यह कह चुकी है कि भारतीयता और राष्ट्रीयता की आड़ में अडाणी कंपनी अपने गोरखधंधे को छिपाना चाहती है।

दूसरी तरफ कुछ विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि इस कंपनी ने मौका देखकर चौका लगाने के लिए ही ऐसा आरोप लगाया है ताकि भारतीय बाजार में उसकी पैठ आसान हो। वरना उस कंपनी की अपनी आर्थिक स्थिति बहुत बेहतर नहीं है।

हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट में इस चैंग चुंग ली और उनकी कंपनी गुदामी इंटरनेशलन के बारे में कई सवाल खड़े किये गये हैं। इस बारे में अडाणी द्वारा जारी स्पष्टीकरण में कोई बात नहीं कही गयी है। यह कहा गया है कि चीन का यह अमीर व्यक्ति ही अडाणी समूह की अवैध कमाई को एकत्रित करता है।

इस पैसे का इस्तेमाल थाईलैंड, सिंगापुर जैसे देशों में किया जाता है। इस बीच यह बात सामने आ गयी है कि भारतीय रक्षा सौदे में भी इस चीनी नागरिक का नाम पहले ही आया था। अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घुस के मामले में इस व्यक्ति की भूमिका थी।

अडाणी की कंपनी से फायदा पाने वालों में यह अन्यतम व्यक्ति है। इस व्यक्ति के पास अभी सिंगापुर और थाईलैंड की कई कंपनियां हैं। यहां तक कि अडामी समूह की विदेशी कंपनियों में वह बतौर निदेशक भी काम कर रहा है।

ताइवान की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी के जैसा ही चैंग चुंग ली ने पैसे के अवैध हस्तांतरण में काम किया है। वर्तमान में इस व्यक्ति का व्यापारिक पता हवाई टावर, 75 मेयर रोड, सिंगापुर दर्ज है।

इन आरोपों की वजह से शेयर बाजार में अडाणी के शेयरों के भाव गिरने के बाद भी उनका नया कारोबार का एफपी पूरी तरह बिकने का दावा अडाणी की तरफ से किया गया है। इसके जरिए कंपनी ने बीस हजार करोड़ रुपये जुटाये हैं। खबर है कि इसमें उन्हें संयुक्त अरब अमीरात से काफी मदद मिली है।

दूसरी तरफ हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट यह कह रही है कि अपने कारोबार को अडाणी समूह ने बढ़ा चढ़ाकर दिखाकर लोगों को गुमराह किया है। इस कंपनी का असली आर्थिक संरचना उतनी नहीं है, जितने का दावा किया जाता है। शेयरों के भाव भी नकली तरीके से बढ़ाकर रखे गये हैं ताकि आम निवेशक इस झांसे में पैसा लगाता रहे।

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