पेशावरः उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान की आतंकवादी निरोधी दस्ता ही आतंकवादियों के हत्थे चढ़ गया है। पाकिस्तानी तालिबान के नाम से आतंकी गतिविधियां चलाने वाले संगठन के कई सदस्यों ने मिलकर आतंकवाद विरोधी एक कार्यालय पर ही कब्जा कर लिया है। खबर के मुताबिक इस केंद्र पर रखे हथियार अब उनके कब्जे में हैं जबकि वहां मौजूद अनेक लोगों को भी आतंकवादियों ने बंधक बना रखा है।
पाकिस्तान सरकार की तरफ से यह बताया गया है कि इस मुठभेड़ में एक अफसर की मौत हो गयी है। यह घटना खैबर पख्तुनवा के बान्नू इलाके की है। जो पहले से ही बागियों का इलाका माना जाता है। यहा मूल रूप से कबिलाई शासन चलता है और सरकार भी यहां के स्थानीय प्रशासन में ज्यादा दखल नहीं देती है।
इस आतंकी हमले की सूचना पर घटनास्थल की तरफ पुलिस और स्पेशल फोर्स को रवाना किया गया था। लेकिन इस घटना के बीस घंटे बीत जाने के बाद भी उस पुलिस केंद्र पर से आतंकियों का कब्जा समाप्त नहीं हो पाया है। सरकारी अफसरों के मुताबिक वहां करीब तीस की संख्या में हथियारबंद आतंकवादी मौजूद हैं और इनलोगों ने वहां दस लोगों को बंधक बना रखा है।
अफगानिस्तान की सीमा से लगने वाले इस इलाके में पाकिस्तानी प्रशासन कितनी कमजोर है, इस एक घटना ने उसे फिर से उजागर कर दिया है। कहा जाता है कि पाकिस्तान के अंदर सक्रिय यह पाकिस्तानी तालिबान का अफगानिस्तान के तालिबान के साथ भी रिश्ता है।
पड़ोसी देश में तालिबान शासन कायम होने के बाद पाकिस्तान में इनकी सक्रियता तेजी से बढ़ती जा रही है। पहले माना जाता था कि यह आतंकवादी संगठन पाकिस्तान के अंदर घटनाओँ को अंजाम देने के बाद अफगानिस्तान की सीमा में भाग जाया करते थे। हाल में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद में फायरिंग होने के बाद से ही वहां की स्थिति विस्फोटक बनी हुई है।
इस घटना के बारे में स्थानीय प्रशासन के प्रवक्ता मोहम्मद अली सैफ ने कहा कि एक आतंकवादी से यहां पूछताछ चल रही थी। इसी बीच अचानक यह हमला हुआ। ताजी जानकारी के मुताबिक वहां मौजूद अधिकारी आतंकवादियों से बंधकों की रिहाई के लिए वार्ता कर रहे हैं। चर्चा है कि बंधक बनाये गये लोगों में पाकिस्तानी सेना के कुछ जवान भी शामिल हैं।
इस सूचना के साथ साथ यह जानकारी भी मिल रही है कि पाकिस्तानी सेना भी घटनास्थल के करीब पहुंच चुकी है। डूरंड लाइन की सीमा को लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच व्याप्त तनाव के बीच ही तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान यानी टीटीपी ने अपना दबाव बढ़ाया था। अब इस क्रम में यह घटना सामने आ चुकी है।