गुजरातचुनाव

कांग्रेस और आप के बीच वोट विभाजन ही बड़ी जीत का रास्ता बना

प्रचंड जीत के बाद भी भाजपा को मिली है चुनौती

  • भाजपा तब भी जीतती पर कम सीट आते

  • ग्रामीण इलाकों में भाजपा की पकड़ कमजोर

  • वोट प्रतिशत का यह खेल आगे खतरा बनेगा

राष्ट्रीय खबर

अहमदाबादः भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत को लेकर भाजपा को ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है। चुनावी रणनीतिकार इस आंकड़े को समझ चुके हैं। माना जा रहा है कि खुद नरेंद्र मोदी भी इस स्थिति को अच्छी तरह भांप चुके हैं और गुजरात में विकास कार्यक्रमों की बाढ़ से जनता को अपने पाले में करने की कोशिश प्रारंभ कर चुके हैं। इसी वजह से उनके इशारे पर भूपेंद्र पटेल को ही दोबारा मुख्यमंत्री बनाया गया है ताकि वह अपने निर्देशों पर वहां लगातार कम होते वोट प्रतिशत को फिर से अपने पक्ष में कर सकें।

भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत के बाद एक सवाल बार-बार उठ रहा है कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाया है। इसका जवाब है कि अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को पूरे वोटों को मिला दिया जाए फिर भी वो गुजरात में भारतीय जनता पार्टी जीत जाती है। आंकड़ों को और करीब से देखने पर पता चलता है कि अगर दोनों पार्टियों के टोटल वोट मिला दिए जाएं फिर भी भाजपा 123 सीटों पर जीत दर्जकर सरकार बना लेती। आम आदमी पार्टी को शहरी पार्टी माना जाता है लेकिन आप ने ग्रामीण सीटों के मुकाबले शहरी सीटों पर कम नुकसान पहुंचाया है।

गुजरात चुनाव के आंकड़ों के अनुसार, 20 ऐसी सीटें हैं जहां कांग्रेस और आप के वोट मिलाने पर भाजपा हारती हुई दिखाई देती है और इन सीटों पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर थी। इन 20 सीटों में से 15 सीटें गुजरात की ग्रामीण इलाकों की सीटें हैं, केवल एक सीट शहर की है और बाकी चार को उपनगरीय सीट माना जाता है। 13 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही आप इसी तरह 13 सीट ऐसी भी हैं जहां भाजपा नेजीत दर्ज की है और आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर पर रही है। इन सीटों पर कांग्रेस और आप के वोटों को मिलाने पर भाजपा से ज्यादा वोट हो जाते हैं। इन 13 सीटों में से एक भी सीट शहरी इलाके में नहीं है। इनमें से 12 सीटें ग्रामीण इलाकों की हैं। 41 सीटों पर कांग्रेस-आप के कुल वोटों से ज्यादा भाजपा के वोट कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने जिन सीटों पर एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाया उनकी संख्या सिर्फ 33 है।

इसमें से केवल एक सीट शहरी इलाके में है बाकी सभी ग्रामीण इलाकों की सीटें हैं। गुजरात के ग्रामीण इलाकों में आप और कांग्रेस एक-दूसरे को टक्कर दे रही थीं, वहीं दूसरी ओर शहरी इलाकों में भारतीय जनता पार्टी एकतरफा जीत दर्ज करती हुई दिखी। गुजरात की 45 शहरी इलाके की सीटों में से 42 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। इन सीटों में से एक सीट पर ही कांग्रेस और आप के कुल वोटों की संख्या भाजपा से अधिक है। इन सीटों में 38 ऐसी सीटें रहीं जहां भाजपा ने आधे सेज्यादा वोट हासिल किये हैं। इस तरह से यह कहा जा सकता है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के कुल वोट मिलाकर भी वहां भारतीय जनता पार्टी की हार नहीं होती दिख रही है। लेकिन ग्रामीण गुजरात का यह वोट प्रतिशत भाजपा के लिए चुनौती बनती दिख रही है।

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