जूनियर डाक्टरों की हड़ताल को कौन उकसा रहा
राष्ट्रीय खबर
कोलकाताः तृणमूल नेता कुणाल घोष ने शुक्रवार दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक ऑडियो क्लिप जारी कर कुणाल ने दावा किया कि साल्टलेक में स्वास्थ्य भवन के सामने जूनियर डॉक्टरों की स्थिति पर हमला कर सरकार को शर्मिंदा करने की साजिश रची गई है।
तृणमूल ने उस फोन बातचीत के ऑडियो में दोनों व्यक्तियों के बीच क्या कहा गया था, इसका एक लिखित बयान भी जारी किया। किसी व्यक्ति को एस कहकर संबोधित किया जाता है।
दूसरे व्यक्ति को ए कहकर संबोधित किया जाता है। इस घटना में एक व्यक्ति को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी का नाम संजीव दास उर्फ बुबलाई है। इसके बाद उस दूसरी आवाज को लेकर उत्सुकता जगी है जिसे तृणमूल ने ए कहकर संबोधित किया है, आखिर वह कौन है? सीपीएम के नेता।
संयोगवश, जिसे एस कहकर संबोधित किया जाता था, वह संजीव था। विधाननगर पुलिस उसे पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अतः, यह स्पष्ट है कि संजीव के प्रारंभिक अक्षर एस हैं। अब सीपीएम में चर्चा है कि ये ए कौन है?
सीपीएम नेता आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। हालाँकि, कई लोगों ने घरेलू चर्चा में कहा, पार्टी एक बड़ी विडंबना में पड़ गई। शुक्रवार रात तक तृणमूल ने ‘ए’ की पहचान उजागर नहीं की थी।
लेकिन कुणाल ने जो ऑडियो जारी किया है, उसमें उन्होंने कहा है कि एक व्यक्ति अति वामपंथी संगठन से जुड़ा है और दूसरा वामपंथी युवा संगठन से जुड़ा है। राजनीतिक हलकों में इस बात को लेकर उत्सुकता पैदा हो गई है कि बातचीत में दूसरी आवाज कौन होगी।
इसके अलावा सीपीएम में भी चिंता और आशंका है। खास तौर पर सीपीएम की कोलकाता जिला कमेटी के प्रमोद दासगुप्ता भवन के नेता करीबी चर्चा में कहते हैं, ऐसे समय में जब पार्टी धीरे-धीरे जन आंदोलन में भाग लेकर अलग-अलग कार्यक्रमों में बदलाव कर रही थी, हमारी पार्टी के नेता का नाम इसमें शामिल हुआ।”
ऐसी घटना निस्संदेह पार्टी को शर्मिंदा करेगी। अब मजे की बात यह है कि जैसे उन्होंने संजीव को गिरफ्तार किया, क्या पुलिस ए के मामले में भी वही रास्ता अपनाएगी? यहीं पर सीपीएम की चिंताएं और भय निहित हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, जिन नेताओं के नाम ए से शुरू होते हैं, उनमें से कई को फोन आने लगे हैं, दादा, क्या आपने ऐसा किया है? वैसे ममता बनर्जी के बुलावा और दो घंटे इंतजार के बाद भी बैठक मे जूनियर डाक्टरों के नहीं आने से अब पूरा मामला ही राजनीतिक होता हुआ नजर आने लगा है।
ऑडियो क्लिप मामले में वामपंथी युवा नेता गिरफ्तार
उस घटना में इस बार वामपंथी युवा नेता कल्टन दासगुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया। वह डीवाईएफआई के मुखपत्र के संपादक हैं। यह युवा नेता सीपीएम की कोलकाता जिला कमेटी का सदस्य भी है। गिरफ्तार होने के बाद कल्टन ने कहा, इसके पीछे निश्चित तौर पर कोई साजिश है। यदि नहीं, तो पीड़ित न्याय के वास्तविक आंदोलन से ध्यान क्यों हटा दिया गया है?