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नयी दिल्ली घोषणापत्र को मिली स्वीकृति

  • पुरानी चुनौतियां समाधान मांग रही: मोदी

  • अफ्रीका को इसकी स्थायी सदस्यता मिली

  • मोरक्को को भूकंप की सहायता का प्रस्ताव

नयी दिल्ली: जी-20 शिखर सम्मेलन के संयुक्त वक्तव्य में सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर शनिवार को आम सहमति बन गई और नयी दिल्ली घोषणापत्र को आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया गया। जी- 20 में भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने आज यहां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया, सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर 100 प्रतिशत सर्वसम्मति के साथ ऐतिहासिक और पथप्रदर्शक जी 20 घोषणा पत्र। भू-राजनीतिक मुद्दों पर नए वाक्य आज की दुनिया में विश्व, लोग, शांति और समृद्धि के लिए एक शक्तिशाली आान है। आज की दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व को प्रदर्शित करता है। श्री कांत ने कहा, नयी दिल्ली घोषणापत्र को जी -20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया गया है।

आज के युग को मानव-केंद्रित वैश्वीकरण के स्वर्ण युग के रूप में चिह्नित किया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की जी- 20 अध्यक्षता में इस लक्ष्य की दिशा में अथक प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा, भारत की जी-20 अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक, कार्य-उन्मुख और यथास्थिति को चुनौती देने में निडर रही है। श्री मोदी के नेतृत्व में हमने जी-20 को आखिरी छोर तक ले जाने के लिए नेताओं से कदम उठाने का पुरजोर आह्वान किया है।

श्री कांत ने कहा, भारत की अध्यक्षता जी-20 अध्यक्षों के इतिहास में सबसे महत्वाकांक्षी रही है। कुल 112 परिणामों और अध्यक्षीय दस्तावेजों के साथ, हमने पिछले अध्यक्षीय काल की तुलना में मूल कार्य को दोगुने से भी अधिक कर दिया है। उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली घोषणापत्र के प्रमुख बिन्दु – मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास, एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाना, सतत भविष्य के लिए हरित विकास समझौता, 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थान और बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करना है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेहमान नेताओं का स्वागत करते हुए अपने आरंभिक वक्तव्य में सबसे पहले मोरक्को में आये भूकंप में हताहत लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की और मोरक्को को संकट की घडी में हर संभव सहायता की पेशकश की। इक्कीसवीं सदी का यह समय, पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला एक महत्वपूर्ण समय है। श्री मोदी ने कहा कि ये वो समय है, जब बरसों पुरानी चुनौतियां, हमसे नए समाधान मांग रही हैं।

हमें मानव केन्द्रित रुख के साथ अपने हर दायित्व को निभाते हुए ही आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद विश्व में एक बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है। युद्ध ने, इस विश्वास के संकट को और गहरा किया है। जब हम कोविड को हरा सकते हैं, तो हम आपसी विश्वास पर आए इस संकट पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सबका साथ की भावना से ही भारत ने प्रस्ताव रखा था कि अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थाई सदयस्ता दी जाए। ऐसा विश्वास है कि इस प्रस्ताव पर हम सब की सहमति है। इसके बाद श्री मोदी ने अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष को जी 20 के स्थायी सदस्य के रूप में स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया।

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