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निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से मिल रहे हैं नीतीश
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उनके नाम की पुस्तक का विमोचन किया लालू ने
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हरिवंश पर कई नेता नाराजगी जता चुके थे पहले
राष्ट्रीय खबर
पटनाः नीतीश कुमार से आज काफी लंबे अरसे के बाद राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने भेंट की। यह मुलाकात तब हुई जब नीतीश कुमार संगठन, लोकसभा क्षेत्र और चुनावी तैयारियों पर फीडबैक लेने के लिए विधायकों और सांसदों के साथ इन दिनों मुलाकात कर रहे हैं। वे विधायकों और सांसदों के साथ वन टू वन मीटिंग कर रहे हैं।
इसी क्रम में कुछ सांसद मंगलवार को भी नीतीश कुमार से मिलने उनके पटना स्थित आवास पहुंचे। यहां हरिवंश नारायण भी नीतीश कुमार से मुलाकात करने पहुंचे। दूसरी तरफ बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार हार मानने वाला नहीं है। यहां महाराष्ट्र को दोहराने का सपना धरा का धरा रह जाएगा।
उन्होंने कहा हमारे सांसदों-विधायकों को तोड़ने की चर्चा हो रही है, उन लोगों को पता ही नहीं कि बिहार उड़ती चिड़िया को भी हल्दी लगा देता है। बिहार टूटने-झुकने वाला नहीं है। यहीं से भाजपा के सफाये की शुरुआत होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हम उनकी मंशा में सफल नहीं होने देंगे।
वह नीतीश कुमार की जीवनी पर लिखे गये पुस्तक का विमोचन कर रहे थे। पटना में गांधी मैदान से सटे अशोक कन्वेंशन सेंटर में 750 से अधिक पन्नों की इस पुस्तक का विमोचन हुआ। मुख्यमंत्री के साथ अपने संबंधों को अटूट बताते हुए लालू ने कहा कि नीतीश बिल्कुल साधारण घर-परिवार से निकले नेता हैं। हमारी मित्रता वर्षों पुरानी है और यह आगे भी बनी रहेगी।
इधर जारी सियासी अटकलों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह से मुलाकात की। यह मुलाकात लंबे वक्त के बाद हुई। हरिवंश जदयू से राज्यसभा सांसद हैं। वे पार्टी के बायकॉट के बावजूद नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के मौके पर पहुंचे थे। इसके बाद जदयू ने नाराजगी व्यक्त की थी। नीतीश कुमार और हरिवंश के बीच ये मुलाकात ऐसे वक्त पर हुई, जब बिहार में कई तरह की सियासी अटकलें लगाई जा रही हैं। दरअसल, महाराष्ट्र में रविवार को जिस तरीके से राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदला और अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी में बड़ी टूट हुई, उसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र जैसी स्थिति बिहार में भी जल्द दोहराई जा सकती है।
पिछले तीन-चार दिनों के घटनाक्रम पर अगर नजर डालें तो राजनीतिक तौर पर ऐसी कई चीजें हुई है जो सामान्य नहीं है और इस ओर इशारा कर रही है कि महाराष्ट्र में जिस तरीके से एनसीपी में टूट हुई है वैसी ही टूट बिहार में जनता दल यूनाइटेड में देखने को मिल सकती है। कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर एनडीए में वापस आ सकते हैं।
नीतीश कुमार ने पिछले साल अगस्त में भाजपा से अलग होकर आरजेडी के साथ नई सरकार बनाई थी। इसके बाद बीते 10 महीने में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पांच बार बिहार का दौरा कर चुके हैं। शाह ने पिछले दौरे पर नीतीश कुमार पर जोरदार हमला किया था और उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं।
हरिवंश नारायण सिंह जदयू से राज्यसभा सांसद हैं। वे अगस्त 2018 में एनडीए के प्रत्याशी के तौर पर राज्यसभा के उपसभापति चुने गए थे। उनकी राज्यसभा सदस्यता का कार्यकाल 2020 में खत्म हो गया था। तब जदयू एनडीए में थी। ऐसे में उन्हें दोबारा राज्यसभा भेजा गया था। इसके बाद से वे इस पद पर आसीन है। इसे लेकर कई बार सवाल खड़े हुए थे तबकि नीतीश कुमार के एक और नजदीकी आरसीपी सिंह रिश्ता तोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं।