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लाखों करोड़ की भारतीय मुद्रा रूस के बैंकों में

रूस के रक्षा मंत्री लावरोव के बयान से असहज भारत

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने हाल ही में कहा है कि रूस के पास अरबों भारतीय रुपये पड़े हुए हैं। अब वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि रूस के पास वोस्ट्रो अकाउंट्स में रुपये का कोई भंडार नहीं है।

इनदिनों दो हजार का नोट फिर से प्रचलन से बाहर करने के एलान के बाद यह सवाल उठ रहे हैं कि रूस स्थित भारतीय बैंकों में जो पैसा पड़ा है, उसमें दो हजार रुपये के नोट कितने हैं। दरअसल अधिकांश ऐसे नोटों के सार्वजनिक चलन में नहीं होने की वजह से ही यह आरोप लग रहा है कि वह दरअसल काला धन बनकर पूंजीपतियों की तिजोरियों में कैद हो चुका है।

रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों को देखते हुए भारत और रूस ने स्थानीय मुद्रा में व्यापार शुरू करने की पहल की थी। लेकिन इसे तब बड़ा झटका लगा जब रूसी विदेश मंत्री ने हाल ही में कहा कि रूस के पास अरबों भारतीय रुपये पड़े हैं और वो उनका इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है। वहीं, अब भारत ने कहा है कि आपसी करेंसी में व्यापार के लिए बनाए गए विशेष वोस्ट्रो बैंक अकाउंट्स में रूस के पास रुपये का कोई भंडार नहीं है।

वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति पर खोले गए वोस्ट्रो अकाउंट्स में रूस का कोई रुपया भंडार नहीं है। विदेश व्यापार के महानिदेशक संतोष कुमार सारंगी ने कहा, विशेष रुपया वोस्ट्रो अकाउंट्स के तहत उनके पास (रूस के पास) कोई भंडार नहीं है।

रूस के पास रुपये का थोड़ा बहुत रिजर्व केवल कुछ रक्षा खरीद और बिक्री के कारण हैं। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अपने हालिया भारत दौरे में रुपये में व्यापार करने को लेकर समस्या बताई थी। उन्होंने कहा था कि रूस के भारतीय बैंकों में अरबों रुपये जमा  हैं, जिनका वह इस्तेमाल नहीं कर सकता।

रूसी विदेश मंत्री के बयान के संदर्भ में उन्होंने कहा, उस वजह से मुझे यह नहीं पता है कि उनके पास जो रिजर्व है, वो वास्तव में कैसा है, और उससे निपटने के लिए क्या व्यवस्था है। सर्गेई ने यह भी कहा था कि हमें इन पैसों का इस्तेमाल करना है लेकिन इसके लिए रुपये को किसी दूसरे देश की मुद्रा में बदलना होगा। इस मुद्दे पर भारत से बातचीत हो रही है। इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर सारंगी ने कहा, ‘यह बातचीत आर्थिक मामलों के विभाग और रक्षा मंत्रालय के बीच होगी।

आरबीआई ने जुलाई 2022 में रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के मकसद से रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के निपटान के लिए विदेशी व्यापार नीति में बदलाव किया था। नियमों में बदलाव के बाद, आरबीआई ने घरेलू और विदेशी बैंकों को रूस, जर्मनी, सिंगापुर, ओमान, ब्रिटेन, केन्या और इजरायल सहित 18 देशों के बैंकों में विशेष रुपया वोस्ट्रो अकाउंट्स खोलने की अनुमति दी थी। इसके तहत ही रूस के साथ रुपये में व्यापार की शुरुआत हुई है।

इस व्यापार के लिए रूसी बैंक का भारतीय बैंक में भारतीय बैंक का रूसी बैंक में विशेष खाता खोला गया है जिसे वोस्ट्रो अकाउंट कहा जाता है। दोनों देशों के बीच तय हुआ था कि आपसी सहमति से इन खातों में वो एक तय रकम रखेंगे। यानी अगर भारत में रूसी वोस्ट्रो अकाउंट्स में 10 अरब डॉलर का रुबल है जो भारत में रूसी बैंकों के खाते में भी 10 अरब डॉलर कीमत का रुपया होगा।

इसका एक्सचेंज रेट दोनों देश मिलकर तय करेंगे। इधर, समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत और रूस अपना कुछ गैर-तेल व्यापार अमेरिकी डॉलर के बजाए रुपये में कर रहे हैं। रुपये में व्यापार में शामिल यूको बैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि रुपये में लेन-देन इस साल की शुरुआत से हो रहा है।

अधिकारी ने कहा कि उन्हें कुछ रूसी बैंकों से वोस्ट्रो अकाउंट खोलने के अनुरोध भी मिले हैं ताकि वो भी रुपये में भुगतान के मेकेनिज्म में शामिल हो सकें। यूको बैंक के मुख्य कार्यकारी सोमा शंकर प्रसाद ने बताया कि अभी तक रूस का गाजप्रोमबैंक, एकमात्र विदेशी बैंक है जिसने यूको बैंक के साथ एक विशेष रुपया वोस्ट्रो अकाउंट खोला है।

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