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संत कोलंबा महाविद्यालय में एकदिवसीय कार्यशाला

हजारीबागः आज संत कोलंबा महाविद्यालय के अनमोल डेम्टा सभागार हॉल में संस्कृत एवं दर्शनशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला  का आयोजन किया गया जिसका विषय  राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कौशल विकास एवं उद्यमिता विकास की उपादेयता रहा।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभारी प्राचार्य रेव डॉ विमल रेवन, मुख्य अतिथि विभावि पूर्व कुलसचिव प्रोफ़ेसर मंटुन कुमार सिंह, विशिष्ट अतिथि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के झारखंड प्रदेश के संयोजक श्री अमरकांत झा, मुख्य वक्ता विषय विशेषज्ञ श्री दिलीप कुमार प्रसाद, श्री गजानंद पाठक और महाविद्यालय के उपाचार्य विज्ञान संकाय डॉ एल पी मिश्रा, उपाचार्य कला संकाय डॉ रेव जे आर दास ने संयुक्त रूप से महाविद्यालय प्रांगण में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया।

महाविद्यालय के सभागार में दीप प्रज्वलित कर सभी अतिथियों एवं पदाधिकारियों ने कार्यशाला का शुभारंभ किया। मंगलाचरण एवं सरस्वती वंदना संस्कृत विभाग के विद्यार्थियों के द्वारा किया गया स्वागत गीत दर्शनशास्त्र एवं एनएसएस स्वयंसेवकों की टीम ने संयुक्त रूप से किया।

स्वागत भाषण उपाचार्य कला संकाय रेव डॉ जे आर दास के द्वारा किया गया कार्यशाला का विषय प्रवेश संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुबोध कुमार साहू ने किया। विषय प्रवेश कराते हुए उन्होंने कहा कि पूरा देश मंथन कर रहा है कि हमारे देश का देश की आजादी का 100 वर्ष पूरे होने पर भारत कैसा हो हमारा देश विश्व का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है एवं हमारे देश में कार्यशील युवाओं की संख्या सर्वाधिक है राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य है कि अपने देश के युवा शक्ति राष्ट्र शक्ति का सकारात्मक सदुपयोग करते हुए विकसित देश बनाया जाय।

हमारे देश के हर युवा स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर हो इस पर चिंतन मंथन करने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया कहा भी गया है ‘उद्यमेन हि सिध्यंति कार्याणि ना मनोरथैः।’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित प्रोफेसर मंटू कुमार सिंह ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कौशल विकास उद्यमिता विकास स्टार्टअप इत्यादि विषयों पर विस्तृत चर्चा की।

उन्होंने चरित्र निर्माण के लिए उपयोगी तथ्यों पर भी प्रकाश डाला उन्होंने बताया के विद्यार्थियों को चरित्र निर्माण ईमानदारी, सकारात्मक सोच एवं दृष्टि, शिष्टाचार, धैर्य, साहस आदि पर विशेष प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपने पाठ्यक्रम के विषयों का अध्ययन करते हुए अपने अंदर कुछ नई सोच एवं कार्यान्वयन, सम्प्रेषण कार्यकुशलता आदि पर भी ध्यान देना चाहिए।

उद्यमिता आधारित अर्थव्यवस्था देश में बने इससे देश में आर्थिक असमानता कम होगे एवं सामाजिक समरसता भी बढ़ेगी। विशिष्ट अतिथि श्री अमरकांत झा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय तक की अपेक्षाओं से विद्यार्थियों को अवगत कराया हमारे हमारे देश की अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक तेज गति से आगे बढ़ रही है और रोजगार सृजन की दृष्टि से भी बहुत ही सकारात्मक संभावना बनते दिख रहा है स्वरोजगार एवं उद्यमिता आधारित हमारी व्यवस्था अत्यंत प्राचीन काल से रही है

अभी देश में हर दृष्टि से परिदृश्य बदला है जैसे – गांव का शहरों के साथ सड़कों से जुड़ना, 24 घंटे बिजली का मिलना, टेलीफोन कनेक्शन, मोबाइल, वाईफाई कनेक्टिविटी आदि के कारण ग्रामीण क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़े हैं अभी देश में जो स्टार्टअप, कृषि, तकनीकी, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में तीव्र गति से हो रहा है।

कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य वक्ता श्री दिलीप कुमार प्रसाद ने कहा कि पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू हो गया है हमारे यहां हजारीबाग में भी विश्वविद्यालय शिक्षा नीति को लागू करते हुए चतुर्वर्षीय स्नातक कोर्स का शुभारंभ कर दिया है  उन्होंने चतुर्वर्षीय कोर्स से संबंधित सभी प्रावधानों नियमों विद्यार्थियों के लिए संभावनाओं आदि पर विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने बताया कि हर जिले में जिला उद्योग केंद्र है जो उद्यमिता एवं कौशल विकास की दृष्टि से विद्यार्थियों को सहयोग कर रहा है उसकी जानकारी प्राप्त कर लाभ उठाना चाहिए उन्होंने स्टार्टअप के संदर्भ में कहा कि अपने देश में अनेकों ऐसे उदाहरण हैं जो अत्यंत गरीब परिवार के होने के साथ भी अपनी नई सोच दृष्टि योजना के बल पर बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियों को खड़ा करने में सफल हुए

उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव योग एवं आयुर्वेद के प्रचार प्रसार एवं प्रशिक्षण प्रदान करते हुए आज पतंजलि नमक 30 हजार करोड़ की कंपनी की रचना की स्थापना कर चुके हैं उसी तरह निरमा कंपनी, टाटा, बिरला आदि ने भी जमीनी स्तर से उठकर ऊंची स्थिति को प्राप्त किया।

अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ विमल रमन ने बहुत ही प्रेरणादायक कथा एवं विचारों से विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमारे महाविद्यालय परिवार का लक्ष्य है कि हमारे यहां जो विद्यार्थी नामांकन कराते हैं वह अपने अध्ययन की अवधि में एक अच्छा मनुष्य अच्छा नागरिक बनते हुए समाज में स्वावलंबी एवं आत्म निर्भर बनें।

कार्यक्रम में हजारीबाग के फिल्म निर्माता श्री गजानंद पाठक जी एवं उपाचार्य डॉ एल पी मिश्रा ने भी विषय से संदर्भित विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक दर्शनशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ राजकुमार चौबे के द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस पदाधिकारी यूनिट 2 डॉ जयप्रकाश रविदास जी के द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में महाविद्यालय की महाविद्यालय के शिक्षक संघ के सचिव डॉ भुनेश्वर महतो, अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सत्येंद्र कुमार, पारसी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सरवर अली, संस्कृत विभाग के शिक्षक सहायिका प्रीति बाला, इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ मुकेश कुमार सहित सैकड़ों विद्यार्थियों ने ध्यान पूर्वक वक्ताओं के विचार को सुनते हुए कार्यशाला को सफल बनाने में सहयोग किया।

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