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मध्याह्न भोजन के काम से शिक्षकों को राहत देने की योजना

  • टेंडर के जरिए भेंडरों का चयन हुआ

  • जोन वार जिम्मेदारी बांटी गयी है

  • टेंडर में देर हुई तो काम देर से प्रारंभ

राष्ट्रीय खबर

रांची: शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से राहत देने के लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग इस महीने से अपने नए डोरस्टेप डिलीवरी कार्यक्रम के तहत जिले भर के स्कूलों में मध्याह्न भोजन (एमडीएम) राशन वितरित करेगा। जिले में राशन पहुंचाने के लिए दो वेंडरों का चयन टेंडर के माध्यम से किया गया है।

एमडीएम की सुचारु आपूर्ति के लिए रांची के प्रखंडों को छह जोन में बांटा गया है। पहले, स्कूलों में एमडीएम तैयार करने के लिए ब्लॉक से राशन का कोटा इकट्ठा करने के लिए संचलन समिति (संयोजिका) और शिक्षक जिम्मेदार थे। विद्यालयों को वितरण खंड से तिमाही आधार पर चावल एकत्र करने की आवश्यकता थी। इसी तिमाही से प्रखंड अधिकारियों द्वारा स्कूल में चावल पहुंचाया जाएगा।

एमडीएम अनाज स्कूलों तक पहुंचाने का जिम्मा दो सप्लायरों को सौंपा गया है। भंडारण से चावल को पांच जोन के स्कूलों तक पहुंचाने वाले वेंडर संजय कुमार ने कहा, ईद के बाद स्कूलों में चावल पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। वहीं एक और जोन की जिम्मेदारी विकास कुमार गुप्ता की है।

जिला शिक्षा अधिकारी आकाश कुमार ने कहा, हमने मांडर ब्लॉक में एक पायलट प्रोजेक्ट के साथ राशन, विशेष रूप से मध्याह्न भोजन का चावल पहुंचाने की पहल शुरू की है। हमने इसे प्रभावी पाया, इसलिए हमने इसे सभी जिलों में लागू करने का फैसला किया। यह पहल इस महीने से प्रभावी होगी।

छह जोन में रांची, ओरमांझी कांके, रातू, नगड़ी, बुरमू, चान्हो, मंदार, नामकुम, अंगदा, सिल्ली, लापुंग, बेरो इटकी, बुंडू, तामार, राहे और सोनाहातु के ब्लॉक शामिल हैं, जो राज्य भर में कुल 2,103 स्कूलों को कवर करते हैं। एमडीएम के जिला नोडल अधिकारी कामेश्वर सिंह ने बताया, पूरे साल (चार तिमाहियों) का टेंडर हो चुका है। इससे पहले तीन बार टेंडर जारी हो चुका था, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। अंतिम तिमाही में ही काम शुरू होना था। जनवरी से मार्च) 2022-23 का लेकिन टेंडर फाइनल नहीं होने के कारण डिलीवरी जनवरी 2022 में नहीं हो पाई। डिलीवरी का संचालन ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी द्वारा किया जाएगा।

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