अदालतझारखंडमुख्य समाचारराज काज

झारखंड में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति पर हाईकोर्ट का निर्देश

विधानसभा के स्पीकर को पक्षकार बनाने का आदेश

रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की मांग वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए विधानसभा अध्यक्ष को मामले में पक्षकार बनाने का आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आनंद सेन की खंडपीठ ने झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता संघ द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि स्पीकर को मामले में पक्षकार बनाना होगा ताकि उनका पक्ष भी अदालत के समक्ष उपलब्ध हो सके।

पीठ को सूचित किया गया कि सूचना आयुक्तों के अलावा, कई अन्य आयोग और न्यायाधिकरण अध्यक्ष की नियुक्ति के अभाव में खाली पड़े हैं। राज्य मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त व अन्य आयोगों के अधिकारी लंबे समय से खाली पड़े हैं। सूचना आयुक्तों को एक समिति द्वारा नियुक्त किया जाना है जिसमें सदस्य के रूप में विधानसभा में विपक्ष का नेता भी होगा।

अदालत को बताया गया कि वर्तमान में विपक्ष के नेता (एलओपी) की अनुपस्थिति में समिति पूरी नहीं है और संभावित उम्मीदवारों के नामों की कोई सिफारिश नहीं की गई है। दलीलों के दौरान अदालत को सूचित किया गया कि विपक्ष के सबसे बड़े दल के नेता की अनुपस्थिति में, विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी के नेता को राज्य में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए समिति में सदस्य के रूप में शामिल किया जा सकता है।

स्पीकर के पेश होने के एक पखवाड़े के बाद मामले को फिर से सूचीबद्ध किया जाएगा। सूचना आयोग की इस स्थिति की वजह से झारखंड में सूचना कानून का पालन अधिकांश सरकारी कार्यालयों में लगभग बंद पड़ चुका है। यह स्थिति इसलिए है क्योंकि सरकारी मुलाजिम भी अच्छी तरह जानते हैं कि उत्तर नहीं देने की स्थिति में भी सूचना आयोग का अंकुश उनपर नहीं है। इस वजह से अधिकांश सरकारी कार्यालयों में और खास तौर पर टेंडर आदि के मामलों में होने वाली गड़बड़ियां पहले की तुलना में बहुत अधिक बढ़ गयी हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button