मास्कोः रूस ने फिर से कहा है कि वह इस युद्ध को समाप्त करने के लिए खुले मन से वार्ता के लिए तैयार है। लेकिन पश्चिमी देशों को इस बात का पूरा ध्यान रखना होगा कि वे पिछली बार वाली गलती ना दोहरायें और ना ही रूस को कमजोर आंकने की गलती करें। रूस के विदेश मंत्री सेरेगेई लावारोव ने यह बता कही है।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वे अमेरिका और नाटो सभी के साथ बात चीत करन के लिए तैयार हैं लेकिन इससे पहले पश्चिमी देशों के प्रतिनिधियों को यह समझना होगा कि पिछली बार उनलोगों ने क्या गलती की थी और उन्हें ना दोहराया जाए। उन्होंने कहा कि रूस वार्ता के लिए हमेशा अपना दरवाजा खुला रखता है लेकिन दूसरे देशों को अपनी तरफ से चीजों को पहले टटोल लेना होगा।
इस बीच रूस ने आरोप लगाया है कि अमेरिका यूक्रेन के युद्ध को इसलिए भी हवा दे रहा है ताकि दुनिया में उसके हथियारों का बाजार का वर्चस्व कायम रहे। इसके साथ ही वह अपने पुराने पड़ चुके हथियारों को यूक्रेन में खपा रहा है। रूसी विदेशमंत्री ने कहा कि इस युद्ध के बाद बहुत कुछ बदल चुका है। इसलिए यूरोप के देशों को भी अपना नफा नुकसान समझ लेना चाहिए। सिर्फ अमेरिका के पीछे खड़े होने से उन्हें दरअसल कोई लाभ नहीं होने वाला है।
विदेश मंत्री ने कहा कि रूस ने अपनी तरफ से हर किसी से मिलने में कोई पाबंदी नहीं लगा रखी है। इसलिए अगर अमेरिकी राष्ट्रपति चाहेंगे तो उनके साथ भी वार्ता होगी। वैसे अभी इसे महज अटकल ही माना जा सकता है क्योंकि राष्ट्राध्यक्षों की मुलाकात का अपना तौर तरीका है। इस बीच यूक्रेन में बर्फवारी तेज होने के बाद वहां की बिजली व्यवस्था बहाल करने का काम चल रहा है। अधिकांश बिजली संयंत्र रूसी मिसाइल के हमलों से ध्वस्त हो चुके हैं। पश्चिमी देश की इस बिजली व्यवस्था को बहाल करने के लिए अपने तरीके से हर संभव मदद की अपील भी कर चुके हैं।