रघुवर राज की गलती को जल्द समझ गयी हेमंत सरकार
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सरकार की तरफ से दिया आश्वासन
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मथुरा महतो के नेतृत्व में पहुंचा दल
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पिछले दिनों हुआ था लाठीचार्ज
राष्ट्रीय खबर
रांची: मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मियों का बीते दो जुलाई से आंदोलन लगातार जारी है। इसी दौरान सोमवार को सर्किट हाऊस में छह विधायकों ने सहायक पुलिसकर्मियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और उनकी मांगों को सुना। जिन विधायकों ने सहायक पुलिसकर्मियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, उसमें मथुरा प्रसाद महतो, नमन विक्सल कोंगाड़ी, राजेश कश्यप, सुदिव्य कुमार सोनू, विनोद सिंह और सुखराम उरांव शामिल थे।
गौरतलब है कि झारखंड पुलिस में समायोजन की मांग को लेकर मोरहाबादी मैदान में धरना दे रहे सहायक पुलिसकर्मी 19 जुलाई को सीएम आवास का घेराव करने निकले थे। इस दौरान उनपर झारखंड पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। सहायक पुलिसकर्मियों की बहाली दस हजार रुपये के मानदेय पर राज्य के 12 जिला गढ़वा, पलामू, लातेहार, चतरा, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, दुमका व गिरिडीह के लिए हुआ था।
याद दिला दें कि इसी तरह पारा शिक्षकों के आंदोलन के दौरान रघुवर दास के शासनकाल में मोरहाबादी मैदान में ही लाठीचार्ज हुआ था। उस वक्त भाजपा की तरफ से किसी नेता ने पारा शिक्षकों के आंसू पोछने की जहमत नहीं उठायी क्योंकि ऐसा करने से रघुवर दास के नाराज होने का खतरा था। इस बात को शायद सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता याद रख पाये। पारा शिक्षकों पर लाठी चार्ज के बाद का चुनावी परिणाम क्या हुआ, यह सबके सामने है। इसी वजह से लाठी चार्ज होने के तुरंत बाद घाव पर मरहम लगाने की ऐसी कवायद प्रारंभ कर दी गयी है। इसके पहले भाजपा के नेता भी इन आंदोलनकारियों से मिल चुके हैं।
बता दें कि 19 जुलाई को सहायक पुलिसकर्मियों और सरकार के बीच वार्ता हुई थी। इसे लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय में एडीजी मुख्यालय आरके मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी देते हुए बताया था कि सहायक पुलिसकर्मियों का अनुबंध एक साल बढ़ाने और पुलिस बहाली में आरक्षण देने पर सहमति बन गई है।
एडीजी मुख्यालय आरके मलिक ने बताया कि सहायक पुलिसकर्मियों को आश्वासन दिया गया है कि नौ अगस्त से समाप्त हो रहा उनका अनुबंध एक साल के लिए और बढ़ाया जाएगा। उनके वेतन भत्ते में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा रही है। इसके अलावा झारखंड पुलिस में होने वाली बहाली में उन्हें आरक्षण दस प्रतिशत दिया जाएगा। सरकार से वार्ता के बाद सहायक पुलिसकर्मियों का प्रतिनिधिमंडल वापस मोरहाबादी मैदान चला गया था। फिर उसके बाद ही सीएम आवास घेराव करने निकला था।