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मालदाः यहां के हरिशचंद्रपुर इलाके में लोमड़ियों ने दहशत फैला रखा है। माना जा रहा है कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण इलाके में लोमड़ियां आ गई हैं। लोमड़ियों की आवाज सुनकर स्थानीय लोग जाग जाते हैं। दो साल पहले हरिश्चंद्रपुर थाना क्षेत्र के हरदमनगर गांव में लोमड़ी के हमले में 40 ग्रामीण घायल हो गये थे। इसके बाद से इलाके में लोमड़ियों का खौफ शुरू हो गया है। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं, इलाके में लोमड़ियों की संख्या बढ़ती जा रही है। पहले रात को इनकी भयानक आवाज सुनाई पड़ती थी। जब वे आवाज देते हैं तो किसी बहुत बड़े इंसान के अट्टहास जैसी आवाज आती है। अब रात क्या दिन में भी लोमड़ियों के समूह गांव में घुस रहे हैं। वे बत्तखों, मुर्गियों, गायों पर हमला कर रहे हैं और बकरियाँ खा रहे हैं।
इनके आतंक की वजह से माता-पिता को हर समय बच्चों पर नज़र रखनी पड़ती है। रात के समय लोमड़ियों का एक समूह इलाके में घूम रहा है, लेकिन लोमड़ियों का समूह दिन में क्यों आ रहा है, यह बड़ा सवाल बन गया है। इसी क्रम में वन विभाग की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है।
आरोप लगाया जा रहा है कि हरिश्चंद्रपुर के अलग-अलग इलाकों में अवैध रूप से पेड़ काटे जा रहे हैं। जंगल साफ़ किये जा रहे हैं। परिणामस्वरूप पर्यावरण का संतुलन नष्ट हो जाता है। पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान हो रहा है। इसलिए स्वाभाविक रूप से लोमड़ियाँ इलाके में प्रवेश कर रही हैं। क्योंकि जिस जंगल में वे रहते हैं वह दिन-ब-दिन साफ होता जा रहा है।
निवासियों की मांग है कि वन विभाग इस संबंध में कार्रवाई करे। ताकि लोमड़ियों को सही जगह पर छोड़ा जा सके। वहीं, पेड़ों की कटाई के संबंध में भालुका वन क्षेत्र के अधिकारी सुदर्शन सरकार ने कहा कि हर दिन नियमित गश्त की जाती है। पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए हमेशा निगरानी की जाती है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है।