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महुआ मोइत्रा के मुद्दे पर विपक्ष का जोरदार विरोध

  • विनोद सोनकर ने पटल पर रिपोर्ट रखी

  • भाजपा ने पहले ही जारी की है ह्विप

  • राज्यसभा में जरूरी मुद्दे उठाये गये

नयी दिल्ली: लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों की सदस्यों ने प्रश्नकाल शुरू होते ही नारेबाजी के साथ भारी हंगामा शुरू कर दिया जिसके कारण अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू होने के कुछ ही मिनट के भीतर सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।

सदन की कार्यवाही शुरु होते ही अध्यक्ष ने 17वीं लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देने वाले सदस्यों की सूचना सदन को देते हुए उनके नाम पढ़े। श्री बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरु किया कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर न्याय दो, अन्याय बंद करो जैसे नारे लगाते हुए हंगामा करने लगे। अध्यक्ष ने सदस्यों से हंगामा नहीं करने और प्रश्नकाल चलने देने का सदस्यों से बार बार आग्रह किया और कहा कि प्रश्नकाल के बाद सदस्य सदन में अपने मुद्दे उठाए। अपनी बात रखे और उनकी बात सुनी जाएगी।

महुआ मोइत्रा की सदस्यता समाप्त
संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया है।
मोइत्रा की सदस्यता रद्द कर दी गई है। इस सबंध में लोकसभा से प्रस्ताव पारित हुआ। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी।
इस कार्यवाही का विरोध कर रहे सांसदों ने सदन में जमकर हंगामा किया। महुआ मोइत्रा के समर्थन में तमाम विपक्षी सांसद संसद भवन के बाहर आए। इसमें सोनिया गांधी भी शामिल थीं।
इससे पहले लोकसभा की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर आधे घंटे से अधिक चर्चा हुई। इस दौरान स्पीकर ओम बिरला ने मोइत्रा को बोलने का मौका नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मोइत्रा कमेटी के सामने अपनी बात रख चुकी हैं। वहीं विपक्षी सांसदों ने मोइत्रा को बोलने देने की मांग की।

सदस्यों पर जब श्री बिरला के आग्रह का का कोई असर नहीं हुआ तो उन्हें सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। गौरतलब है कि पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने के मामले में तृणमूल कांग्रेस की सदस्य महुआ मोइत्रा से जुड़े मामले में संसदीय समिति की रिपोर्ट आज सदन में पेश की जा सकती है। रिपोर्ट के आधार पर सुश्री मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता समाप्त करने का प्रस्ताव भी लाया जा सकता है जिसको लेकर विपक्ष के सदस्य हंगामा कर रहे हैं। भाजपा पहले ही अपने सदस्यों के लिए व्हिप जारी कर चुकी है।

लोकसभा में विपक्ष के भारी हंगामे के बीच तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा पर आचार समिति की रिपोर्ट आज सदन के पटल पर पेश कर दी गयी। हालांकि हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन जैसे ही समवेत हुआ, पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के लिए नाम पुकारना शुरू किया

वैसे ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना ठाकरे गुट एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्य खड़े होकर नारेबाजी करने लगे -भारत की बेटी का अपमान बंद करो, नारी पर आक्रमण बंद करो, मोदी सरकार हाय हाय।

इसी बीच आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने सदन के पटल पर रिपोर्ट पेश करते हुए कहा, मैं आचार समिति का पहला प्रतिवेदन सभा पटल पर रखता हूं। इसके बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कार्य मंत्रणा समिति की रिपोर्ट पेश की। इस दौरान विपक्षी सदस्यों का शोरशराबा एवं नारेबाजी तेज हो गयी। इस पर श्री अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।

राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के हरनाथ सिंह यादव ने देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग करते हुए शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि इससे मुसलमान और ईसाई महिलाओं को उनके अधिकार मिल जा सकेंगे। श्री यादव ने सदन में शून्य काल में सभापति की अनुमति से उठाए गए मुद्दे के दौरान कहा कि देश में लगभग 10 करोड़ बहनों को उनके अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं। यह बहनें मुस्लमान और इसाई समुदाय से संबंधित है।

मुसलमान और ईसाई समुदाय की महिलाओं को विवाह विच्छेद होने पर तथा संपत्ति और गोद लेने जैसे अधिकार नहीं है। इससे कई बार उनका जीवन कठिन हो जाता है। ये महिलाएं विवाह विच्छेद होने पर हिंदू धर्म की महिलाओं के समान गुजारा भत्ता नहीं ले पाती। इन्हें परिवार की संपत्ति में समान अधिकार भी प्राप्त नहीं है।

यह महिलाएं आवश्यक होने पर भी बच्चे गोद नहीं ले पाती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन तलाक और हलाला जैसी प्रथाओं का उन्मूलन करने की पहल की है। सरकार को इन महिलाओं के लिए भी समान अधिकार में संहिता लागू करनी चाहिए। इससे हिंदू, मुसलमानऔर ईसाई समुदाय समेत सभी भारतीय महिला नागरिकों के अधिकार समान हो सकेंगे और सभी सम्मान पूर्वक जीवन जीने के अधिकारी हो जायेंगी।

आम आदमी पार्टी के विक्रमजीत सिंह साहनी ने शुक्रवार को राज्यसभा में 80 के दशक में पंजाब आतंकवाद के दौर के जेलों में बंद आतंकवादियों को रिहा करने की मांग की। श्री साहनी ने कहा कि आतंकवाद के दौर में विभिन्न मामलों में पकड़े गए लोगों को 30 वर्ष से अधिक समय जेल में हो गया है। यह लोग गंभीर मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। आप नेता ने विभिन्न आतंकवादियों का नाम लेते हुए कहा कि इन्हें मानवीय आधार पर रिहा कर देना चाहिए।

 

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