Breaking News in Hindi

विधायक सरयू राय ने फिर उठाया सवाल

  • चार जिलों से मिले थे अंगरक्षक

  • कौन मेहरबान था विभाग जानता है

  • जांच हुई तो कई गड़े मुर्दे उखड़ जाएंगे

राष्ट्रीय खबर

रांचीः कोलकाता की एक महिला की शिकायत की वजह से अब फिर से झारखंड के एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी निशाने पर आ रहे हैं। दरअसल इस बारे में औपचारिक शिकायत पहली बार आयी है जबकि विधायक सरयू राय ने ट्विट कर हेमंत सोरेन का ध्यान इस तरफ आकृष्ट किया है। श्री राय ने मुख्यमंत्री को ऐसे तत्वों के बारे में सावधान किया है। इशारे से श्री राय ने यह भी संकेत दे दिया है कि ऐसे लोगों के मददगार वर्तमान सरकार में भी प्रभावी है।

पूरा मामला दुर्गापुर के एक व्यापारी सोनू उर्फ अमित अग्रवाल का है। इसका नाम नक्सलियों से लेवी लेने के मामले में पहले ही आ चुका था। सिर्फ सरकार में बैठे लोगों के अलावा पूरी जनता जान गयी थी कि उसके एशगाह में झारखंड का कौन पुलिस अधिकारी नियमित तौर पर जाया करता था।

पुलिस विभाग के लोग भी इस सच को अच्छी तरह जानते थे। अब कोलकाता की महिला व्यवसायी रश्मि जैन ने आरोप लगाया है। इस आरोप से यह बात सामने आ गयी है कि उस अमित अग्रवाल को अवैध तरीके से सरकारी अंगरक्षक उपलब्ध कराये गये थे। शिकायत में महिला ने अपने कार्यालय में लगे सीसीटीवी में कैद सभी लोगों की तस्वीरों का भी हवाला दिया है, जो जबरन उस महिला का कार्यालय बंद कराने गये थे और धमकियां देते हुए सीसीटीवी में रिकार्ड किये गये हैं।

मामले का खुलासा होने के बाद अब पता चला है कि उसे मिले पुलिस अंगरक्षक रांची, धनबाद और हजारीबाग जिला से संबंधित थे। बता दें कि सोनू अग्रवाल पर मगध-आम्रपाली कोयला परियोजना से कोयला ट्रांसपोर्टिंग के दौरान तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के उग्रवादियों को फंड देने का भी आरोप है। टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने भी सोनू उग्रवाल के ठिकानों पर छापेमारी की थी।

अब विधायक सरयू राय की ट्विट के बाद गड़े मुर्दे फिर से उखड़ने लगे हैं। पुलिस विभाग को दुर्गापुर जाने वाले पुलिस उच्चाधिकारी के बारे में पहले से पता था लेकिन उच्च पद पर होने की वजह से शायद उस वक्त एनआईए ने भी उन्हें अलग रखा था। अब विभाग में सरकारी खर्च पर अंगरक्षक लेने वालों से बकाये की वसूली की प्रक्रिया प्रारंभ की गयी है और ऐसे लोगों को नोटिस जारी किया गया है।

इसके बीच अमित अग्रवाल को किसके निर्देश पर अंगरक्षक उपलब्ध कराये गये थे, इसकी जांच हुई तो सरयू राय की तोप का मुंह फिर से भाजपा की तरफ मुड़ जाएगा, यह सभी जानते हैं। श्री राय ने कहा है कि वह पहले भी इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कर चुके हैं।

इस बीच अपुष्ट जानकारी यह भी निकल कर आयी है कि दुर्गापुर के ट्रांसपोर्टर सह जयश्री स्टील प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सोनू अग्रवाल उर्फ अमित अग्रवाल पर छद्म नाम से विभिन्न जिलों से अंगरक्षक लेने की पुष्टि के बाद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब औपचारिक शिकायत दर्ज होने के बाद सिर्फ इन अंगरक्षकों पर कार्रवाई कर जिम्मेदारी की लीपापोती होगी या इसके पीछे के असली अधिकारी पर कार्रवाई होगी, यह बड़ा सवाल बनकर उभरा है।

उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा।