मुख्य समाचारराजनीतिव्यापार

अडाणी समूह के कारोबार के देनदारी बहुत अधिक हो चुकी है

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के पहले भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठ गये थे

राष्ट्रीय खबर

नई दिल्ली : अडाणी ग्रुप की देनदारी में पिछले एक साल में भारी इजाफा हुआ है। सार्वजनिक आंकड़ों के अनुसार, अडाणी का कर्ज एक साल में करीब 21 फीसद बढ़ गया है। वहीं, इस कर्ज में ग्लोबल बैंक्स का अनुपात बढ़कर लगभग एक तिहाई हो गया है। मार्च के आखिर तक अडाणी ग्रुप की उधारी का 29 फीसदी वैश्विक बैंकों से था।

ग्रुप के आंतरिक कामकाज से जुड़े लोगों से यह जानकारी पता चली है। हालांकि, आंकड़े यह भी बताते हैं कि ग्रुप की अपना कर्ज चुकाने की क्षमता में सुधार हुआ है। 31 मार्च 2023 तक अडाणी ग्रुप की प्रमुख 7 लिस्टेड कंपनियों का सकल कर्ज 20.7 फीसदी बढ़कर 2.3 लाख करोड़ रुपये (28 अरब डॉलर) हो गया है।

अडाणी ग्रुप की उधारी साल 2019 से लगातार बहुत तेजी से बढ़ रही है। अडाणी ग्रुप की उधारी का 39 फीसदी बॉन्ड्स से है। यह साल 2016 में 14 फीसदी था। वहीं, देश के सबसे बड़े सरकारी बैक एसबीआई ने अडाणी ग्रुप को करीब 270 अरब रुपये (3.3 अरब डॉलर) का कर्ज दिया हुआ है। इसके चेयरमैन ने फरवरी में यह जानकारी दी थी।

अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में इस बात की चर्चा है कि गौतम अडाणी के कारोबारी साम्राज्य का काफी तेजी से विस्तार हुआ है। ऑस्ट्रेलिया और इजराइल के व्यावसाहिक हितों के साथ यह वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहुंच बढ़ा रहा है। लेकिन जब कोई बहुत तेज रफ्तार से तरक्की करता है तो संदेह होने लगता है। जांच-पड़ताल बढ़ जाती है।

अडाणी ग्रुप को इसका सामना जब करना पड़ा, जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आई। कुछ ही दिनों में अडाणी की कंपनियों से 100 अरब डॉलर स्वाहा हो गए। अडाणी ने निवेशकों का विश्वास जीतने की काफी कोशिश की। शेयर गिरवी रखकर लिये गए लोन्स का प्री-पेमेंट किया। इसके बावजूद ग्रुप के स्टॉक और डॉलर बॉन्ड अभी तक हिंडनबर्ग के कारण हुई बिकवाली से नहीं उबर पाए हैं।

वैसे सुखद स्थिति यह भी है कि अडाणी की कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी देनदारियों को पूरा करने की अपनी क्षमता में सुधार किया है। आंकड़ों के अनुसार अडाणी ग्रुप अपने कर्ज को कम करना चाहता है। वह इस दिशा में प्रयास कर रहा है।
अडाणी की आर्थिक स्थिति पर सवाल पिछले साल से उठने लगे थे। उस समय रिसर्च फर्म केडिटसाइट्स ने इसे गंभीर तौर पर ओवर लीवरेज्ड करार दिया था। अडाणी ग्रुप ने इस पर कहा था कि उसकी कंपनियों के कर्ज के बोझ को कम कर दिया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button