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रांचीः वाणिज्य कर विभाग द्वारा 21000 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली कर झारखण्ड राज्य के लिए एक रिकॉर्ड स्थापित किया गया है। वितीय वर्ष 2022-23 का अंतिम दिन यानी 31 मार्च है और अभी तक वाणिज्य कर विभाग अपने निर्धारित लक्ष्य रुपए 18,500 करोड़ के विरुद्ध रुपए 2500 करोड़ से अधिक की वसूली कर ली है।
इस तरह पिछले वित्त वर्ष में विभाग ने निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध लगभग 114प्रतिशत की प्राप्ति है। जीएसटी कर प्रणाली के लागू होने के पश्चात मात्र 5 वर्षों तक ही केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को कंपनसेशन का भुगतान किया जाना था जो अवधि चालू वित्तिय वर्ष के प्रथम त्रैमास में ही समाप्त हो गया।
अर्थात 1 जुलाई 2022 से केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को यह कंपनसेशन भुगतान बन्द कर दिया गया है फिर भी वाणिज्य कर विभाग में यह उपलब्धि हासिल की है। उल्लेखनीय है कि विगत वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार के कंपनसेशन की राशि को अलग करने के बाद वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्राप्त 15741 करोड़ की तुलना में चालू वित्त वर्ष में 18941 करोड़ हुई है जो लगभग 3200 करोड़ रुपए अधिक की प्राप्ति हुई है। वाणिज्य कर विभाग द्वारा विगत वर्ष 2021-22 में प्राप्त राजस्व संग्रहण की तुलना में एसजीएसटी में 18प्रतिशत , वैट मद में 22प्रतिशत, विद्युत शुल्क मद में 43प्रतिशत , पेशा कर मद में 4प्रतिशत से अधिक की वसूली की गई है।
डॉ उरांव ने अपने साथ मौजूद विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी ने बताया कि वाणिज्य कर विभाग द्वारा इस कंपनसेशन की कमी को पूरा करने के लिए कुछ नया कदम उठाया गया जिसके प्रतिफल के रूप में राजस्व संग्रहण में अत्यधिक वृद्धि हुई। विभाग द्वारा मुख्यालय एवं प्रमंडलीय स्तर पर इंटेलिजेंस एंड रेवेन्यू एनालाइसिस यूनिट का गठन किया गया जिनके द्वारा आंकड़ो का विश्लेषण कर निरीक्षण आदि कार्य किया गया है।
इसके अतिरिक्त 05 बड़े अंचलों में स्पेशल टास्क यूनिट का गठन किया गया है जिनका कार्य बड़े करदाताओं के विवरणियों आदि का अनुश्रवण करना है ।साथ ही चालू वित्तीय वर्ष में इंटेलीजिबल आईजीएसटी के रिवर्सल से भी लगभग 563 करोड़ राजस्व की वसूली हुई है। वाणिज्य कर विभाग द्वारा वैट के ऑनलाइन कर निर्धारण प्रक्रिया को प्रारम्भ किया गया है जिसमें व्यवसायियों को कार्यालय आने की आवश्यक न के बराबर है।
पुराने कराधानों के अंतर्गत बकाया राशि की वसूली एवं विभिन्न न्यायालयों में लंबित वादों को कम करने के लिए कर समाधान योजना इस वित्तीय वर्ष के अन्त में लाई गयी है और अभी तक लगभग 04 करोड़ की प्राप्ति की जा चुकी है और उम्मीद है कि लगभग 500 करोड़ की वसूली आगामी वित्तीय वर्ष में होगी । वाणिज्य कर विभाग इस अप्रत्याशित राजस्व वसूली के पीछे प्रधान सचिव आराधना पटनायक वाणिज्य कर आयुक्त श्री संतोष कुमार वत्स और विभाग के सभी पदाधिकारियों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है।