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कम जगह पर उतर भी सकेगी यह
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ट्राफिक जाम से मुक्ति दिलाना काम
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प्रति व्यक्ति किराया उबेर से थोड़ा ज्यादा
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एक बार में दो सौ किलोमीटर उड़ सकेगी
राष्ट्रीय खबर
बेंगलुरुः एयरो इंडिया शो में नजर आने वाले प्रोटोटाइप का अनावरण किये जाने के बाद से इस स्टार्टअप की चर्चा होने लगी है। यह एक उड़ने वाली टैक्सी है। हेलीकॉप्टर की गति से उड़ान भरने वाली यह टैक्सी दो सौ किलोमीटर तक जा सकती है।
आईआईटी मद्रास के एक स्टार्टअप ने ऐसी टैक्सी बनाकर पूरे देश को नया विकल्प प्रदान किया है। कंपनी का दावा है कि यह टैक्सी एक बार चार्ज करने पर 200 किमी की रेंज प्रदान कर सकती है। ई-प्लेन का दावा है कि इस इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सी की स्पीड चार पहियों की गाड़ी की स्पीड से 10 गुना ज्यादा है।
कंपनी के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि इस टैक्सी में प्रति व्यक्ति किराया उबर के मुकाबले थोड़ा ज्यादा होगा। कंपनी के मुताबिक इस उड़ने वाली टैक्सी को लैंड करने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होगी।
इन टैक्सियों को 25 वर्ग मीटर की जगह में पार्क किया जा सकता है। इस 200 किग्रा इवोट इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सी के प्रोपेलर पर 4 डक्ट फैन लगे हैं। इस टैक्सी में कुल 2 यात्री बैठ सकते हैं। हालांकि, यह भी कहा गया है कि आने वाले दिनों में सीटों की संख्या बढ़ाकर 4 की जाएगी।
ई-प्लेन कंपनी के सीईओ प्रांजल मेहता और सत्य चक्रवर्ती ने कहा कि उन्हें इस इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सी का आइडिया इलेक्ट्रिक ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन पर एक वीडियो देखने के बाद आया। स्टार्टअप के मुताबिक, यह फ्लाइंग टैक्सी शहर में छत से छत तक उड़ान भरने के लिए एकदम सही है।
ई-प्लेन कंपनी ने इस टैक्सी को बनाने के लिए करीब 10 लाख डॉलर की फंडिंग जुटाई थी। लेकिन फिलहाल इस उड़ने वाली टैक्सी को चलाने के लिए पायलट की जरूरत होती है। लेकिन स्टार्टअप के मुताबिक वे भविष्य में इस मॉडल को ऑटोमैटिक बनाना चाहते हैं।
कंपनी का दावा है कि यह उड़ने वाली टैक्सी 1500 फीट (457 मीटर) की ऊंचाई तक उड़ सकती है। टैक्सी की गति 150 किमी प्रति घंटे से 200 किमी प्रति घंटा है। इस टैक्सी में ऑपरेट करने के लिए नॉन-स्वैपेबल बैटरी दी गई है। हालाँकि, यह बताया गया है कि यह बैटरी भविष्य में स्वैपेबल होगी।
कंपनी के लोगों ने कहा कि टैक्सी एक बैटरी चार्ज पर 10 से 15 किलोमीटर (लगभग 10 मील) की 10 छोटी यात्राएं कर सकती है। मूल रूप से इस टैक्सी का प्राथमिक लक्ष्य शहर में यातायात की भीड़ को कम करना है।