खडगे जी ने प्यार से चिट्ठी लिखी है लेकिन तीन लोगों को छोड़ दिया है। दरअसल उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में 21 दलों को चिट्ठी लिखी है। इसमें सभी को लाल चौक पर होने वाले झंडोत्तोलन समारोह में बुलाया गया है। कितने लोग इस न्योता को स्वीकार कर वहां आयेंगे, इस पर हमलोगों की कम और भाजपा वालों की अधिक नजर रहेगी।
वैसे भी जिन राज्यों से गुजरकर राहुल गांधी पंजाब में आगे बढ़ रहे हैं, उन राज्यों में अब भाजपा के बड़े नेताओं के दौरे होने लगे हैं। कर्नाटक इसका सबसे बड़ा नमूना है। मोदी जी, अमित शाह और नड्डा जी को इन सभी राज्यों में जाकर अपनी तरफ से भी प्यार जताना पड़ रहा है।
यह अलग बात है कि प्यार की चिट्ठी गुलाम नबी आजाद, अरविंद केजरीवाल और केसीराव को नहीं भेजी गयी। इसके अलावा एआईएमआईएम, एआईयूडीएफ और वाईएसआर कांग्रेस सहित कई दूसरी पार्टियों को न्योता नहीं दिया गया। भारत जोड़ो यात्रा का समापन जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में 30 जनवरी को होगा। इससे पहले कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी यूपी के कई नेताओं को अपनी यात्रा में शामिल होने के लिए पत्र लिख चुके हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्र में कहा, “यात्रा की शुरुआत से ही हमने हर समान विचारधारा वाले भारतीयों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। राहुल गांधी के आमंत्रण पर विभिन्न चरणों में कई राजनीतिक दलों के सांसद भी यात्रा में शामिल हुए हैं।
मैं अब आपको व्यक्तिगत रूप से 30 जनवरी को दोपहर में श्रीनगर में आयोजित होने वाली भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं। यह समारोह महात्मा गांधी की स्मृति को समर्पित है, जिन्होंने इस दिन नफरत और हिंसा की विचारधारा के खिलाफ अपने अथक संघर्ष में अपना जीवन बलिदान कर दिया था।
इसी बात पर सलमान खान की एक हिट फिल्म मैने प्यार किया का यह गीत याद आने लगा है। इस गीत को लिखा था असद भोपाली ने र संगीत में डाला था राम लक्ष्मण ने। इसे लता मंगेशकर और एसपी बालासुब्रमणियम ने अपना स्वर दिया था। गीत के बोल इस तरह हैं
जा जा, जा जा..जा जा, जा जा..,
कबूतर जा जा जा,
कबूतर जा जा जा,कबूतर जा जा जा,
कबूतर जा जा जा,
पहले प्यार की पहली चिट्ठी हो…
पहले प्यार की पहली चिट्ठी,
साजन को दे आ… कबूतर जा जा जा,
कबूतर जा जा जा, कबूतर जा जा जा,
कबूतर जा जा जा,
उनसे कहना, जब से गये तुम,
मैं तो अधूरी लगती हूँ,
इन होंठों पे चुप सी लगी है,
ना रोती ना हँसती हूँ,
भूल हुई जो उन्हें सताया हो,
भूल हुई जो उन्हें सताया,
कैसा पाप कियाक बूतर जा जा जा,
कबूतर जा जा जा जा जा..
मन ही मन में उनको अपना,
सब कुछ मान चुकी हूँ मैं,
वो क्या है, मैं कौन हूँ उनकी,
अब ये जान चुकी हूँ मैं,
उनको अपने साथ ही लाना हो..
उनको अपने साथ ही लाना
दिल ही नहीं लगता कबूतर जा जा जा,
कबूतर जा जा जा जा जा..
हो ओ.. हो ओ
यहाँ का मौसम बड़ा हसीं है,
फिर भी प्यार उदास है
उनसे कहना, दूर सही मैं,
दिल तो उन्हीं के पास है
तू ये संदेशा उनको सुनाना ओ..,
तू ये संदेशा उनको सुनाना, मैं पीछे आया
कबूतर जा जा जा, कबूतर जा जा जा
कबूतर जा जा जा, कबूतर जा जा जा
जहाँ भी देखूँ तुम ही तुम हो,
और नज़र ना कुछ आये
दिल ये चाहे इस आलम में,
काश ज़माना रुक जाये
आज से पहले कभी नहीं थी,
आज से पहले कभी नहीं थी
इतनी हसीं दुनिया..
इसलिए संदेशों का आना जाना लगा रहे, इसी में सबकी भलाई है। एकतरफा प्यार बहुत अधिक दिनों तक नहीं चलता, इस बात को इंडियन पॉलिटिशियन क्यों नहीं समझ पाते, य़ह बात समझ से बाहर है। अब इस प्यार की चिट्ठी का क्या असर होता है, यह देखने वाली बात होगी।
दरअसल इस बहाने भी कांग्रेस देश में खुद को भाजपा के मुकाबले सबसे बेहतर विकल्प के तौर पर स्थापित करना चाहती है। अगर अधिक दल इसमें शामिल हो गये तो आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को इससे फायदा होगा क्योंकि अखिल भारतीय स्तर पर सिर्फ वही एकमात्र दल है जो भाजपा को टक्कर दे सकती है।
अन्य क्षेत्रीय दल किसी राज्य तक ही सीमित हैं। लेकिन क्षेत्रीय दलों के मुखिया पूर्व के कड़वे अनुभवों को शायद भूले नहीं है। इसलिए अब भाजपा के खिलाफ जाकर आईटी, सीबीआई और ईडी को झेलना है अथवा नहीं यह तय कर पाना सभी के लिए कोई आसान काम नहीं होगा।
लेकिन वाकई राहुल गांधी ने इतनी दूर पैदल चलकर अपने खिलाफ भाजपा द्वारा लगाये गये पप्पू के ठप्पे को गायब कर दिया है। यह पहला मौका है जब भाजपा चाहकर भी राहुल को राजनीतिक तौर पर घेर नहीं पा रही है। दूसरी तरफ राहुल के बयानों पर अब भाजपा को सफाई देने की नौबत आ पड़ी है।