अजब गजबपश्चिम बंगाललाइफ स्टाइल

तीस रुपये की लॉटरी ने बदली युवक की किस्मत

गांव के हाट में जूते बेचता था अब करोड़पति बन बैठा है

  • हाट नहीं होता तो दिहाड़ी मजदूरी करता था

  • टिकट खरीदा घर लौटा और भोजन के बाद सो गया

  • घऱ के बाहर लगी भीड़ से ईनाम जीतने का पता चला

राष्ट्रीय खबर

मालदाः मिठुन सरकार और उसके घरवाले बहुत खुश हैं क्योंकि वे अचानक करोड़पति हो गये हैं। इससे पहले मिठुन गांव में लगने वाले बाजारों में अपने जूते की दुकान लगाते थे। उस कारोबार से उनका घर किसी तरह चल पाता था। कोरोना के वक्त भी आर्थिक हालत इतनी बिगड़ गयी थी कि कारोबार को आगे बढ़ाने की पूंजी तक नहीं बची थी। इसी क्रम में उन्होंने किस्मत आजमाने के लिए तीस रुपये देकर एक लॉटरी का टिकट खरीदा था।

इस एक टिकट ने उनकी किस्मत को वाकई बदलने का काम किया है। इस नंबर के लॉटरी टिकट पर एक करोड रुपये का ईनाम निकला है। इससे मिठुन और उसके परिवार वाले खुश होने के साथ साथ हैरान भी हैं। खुद मिठुन ने माना कि इससे पहले उसने अपने जीवन में एक लाख रुपया भी कभी एक साथ नहीं देखा है। अब वह करोड़पति हो गया है, यह सोच सोच कर वह हैरान हो रहा है।

वैसे पूर्व के अनुभवों के आधार पर तथा अपने परिचितों की सलाह पर अपने टिकट पर एक करोड़ का ईनाम आने की पुष्टि होने के बाद वह खुद ही पुलिस की सुरक्षा में चले गये थे। उन्होंने थाना में ही रात गुजारी है। अब उनकी पत्नी और परिवार के लोग भी इतना अधिक पैसा आने के खतरों को लेकर अधिक चिंतित है। वैसे मिठुन ने कहा कि इस पैसे से वह एक बड़ा शो रुम खोलने की योजना पर काम करना चाहते हैं।

यहां के गाजोल थाना के पर्चाडांगा इलाके मे शालुकडोबा गांव के निवासी है मिठुन सरकार। इससे पहले तक वह ग्रामीण बाजारो में जानकर पचास रुपये की दर से जूते बेचा करते थे। कई बार घर चलाने के लिए उन्होंने दिहाड़ी मजदूरी का भी काम किया है क्योंकि हर दिन हाट नहीं लगता है।

इसी क्रम में मंगलवार को एक हाट से लौटते वक्त एक दुसान से डियर लॉटरी का टिकट उन्होंने खरीदा था। लॉटरी टिकट खरीदने के बाद वह सीधा अपने घर लौटे और रात को भोजन करने के बाद सो गये। बुधवार की सुबह उसके घर के बाहर लोगों की भीड़ लगी तो उन्हें पता चला कि उन्होंने जो टिकट खरीदा था, उसमें एक करोड़ का ईनाम निकला है। जिसने यह टिकट बेचा था उस दुकानदार ने भी सभी को पता दिया था कि यह टिकट किसे बेचा गया था।

इसके बाद मिठुन भागकर गाजोल थाना चले गये और पुलिस के सहयोग से लाटरी में ईनाम जीतने की पुष्टि के बाद वह रात को थाना में ही रूक गये थे। उसके घर के लोगों को भी पता था कि सुरक्षा के लिहाज से वह थाना में हैं। उसके परिवार में दो बच्चे भी हैं। वह कहते हैं कि कई दिन तो भरपेट भोजन भी नहीं जुटता था। लॉटरी टिकट खरीदने का नशा नहीं था पर पता नहीं क्यों उस दिन घर लौटते वक्त एक टिकट खऱीद लिया था। अब भविष्य में एक जूता का बड़ा शो रूम करने की इच्छा है क्योंकि यही कारोबार मैं जानता हूं। पुलिस की तरफ से भी बताया गया है कि लॉटरी का एक करोड़ ईनाम जीतने के बाद उसकी सुरक्षा के लिए पुलिस के प्रबंध किये गये हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button