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राहुल गांधी का भाजपा पर आरोप और ट्रोल आर्मी

राहुल गांधी को पप्पू बनाकर प्रचार करने में भाजपा की साइबर आर्मी का बड़ा योगदान रहा है, यह अब धीरे धीरे स्पष्ट होता चला जा रहा है। आलू से सोना सहित कई ऐसे बयान किस तरीके से जारी किये गये थे, वह अब सामने है। इसी बीच इंदौर के रास्ते में उनकी पदयात्रा में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा भी कुछ वैसा ही साबित हो रहा है, जिसमें वाकई नारा लगाया गया है अथवा वीडियो में यह आवाज बाद में डाली गयी है, यह जांच का विषय है।

इसलिए अगर राहुल गांधी ने कल की प्रेस वार्ता में यह कहा कि उनकी व्यक्तिगत छवि को खराब करने में भाजपा करोड़ों रुपये खर्च करती है तो इस बात में गंभीरता है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिन ब दिन उनकी बात चीत का सलीका और मुद्दों पर लगातार प्रहार ने यह स्थिति पैदा कर दी है कि अब भाजपा को न चाहते हुए भी उन्हीं मुद्दों पर बात करना पड़ रहा है। वरना भाजपा इससे पहले कभी इतनी मजबूर नहीं हुई कि वह दूसरे दलों के एजेंडे पर काम करे।

प्रेस वार्ता में राहुल गांधी ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा मेरी इमेज खराब करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। निजी हमलों के सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा की दिक्कत है कि उन्होंने हजारों करोड़ रुपए मेरी इमेज को खराब करने में लगा दिए और मेरी इमेज बना दी, लेकिन ये मेरे लिए फायदेमंद रहा। सच्चाई को छुपाया नहीं जा सकता। अगर आप किसी बड़ी शक्ति से लड़ रहे हो तो निजी हमले होंगे।

अगर मुझ पर ये हमले हो रहे हैं तो मुझे लगता है कि मैं सही काम कर रहा हूं। ये एक प्रकार से मेरा गुरु है। ये मुझे सिखाता है कि मुझे इधर जाना है, उधर नहीं जाना। लड़ाई क्या है, लड़ाई जो आपके सामने खड़ा है, लड़ाई उसकी सोच को गहराई से समझने की है। मैं धीरे-धीरे आरएसएस और भाजपा की सोच को अच्छे से समझने लगा हूं। राहुल ने कहा कि जो लोग पैसों से खरीदे गए हैं, उन पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

राजस्थान विवाद पर स्वाभाविक तौर पर उनके सवाल पूछा गया था। इस पर उन्होंने कहा कि वे दोनों नेता हमारी पार्टी के एसेट हैं। मैं इसमें नहीं जाना चाहता कि किसने क्या कहा, लेकिन मैं आपको इस बात की गारंटी देना चाहता हूं कि इसका भारत जोड़ो यात्रा पर कोई असर नहीं होगा। बेरोजगारी के सवाल पर राहुल ने कहा कि इसका सबसे बड़ा कारण है, तीन-चार लोगों के हाथ में हिंदुस्तान का पूरा धन दे दिया है। वे हर क्षेत्र में एकाधिकार करते जा रहे हैं।

टेलिकॉम, रिटेल, इन्फ्रास्ट्रक्चर बाकी सब। इससे स्मॉल स्केल और मीडियम बिजनेस वालों की ग्रोथ रुक गई है। जो इस देश की नींव है, जो किसान हैं, उन्हें छोड़ दिया है। उनको कोई सहायता नहीं है, उनको बीज, खाद, बीमा कुछ नहीं मिल रहा। आंख मूंदकर निजीकरण हो रहा है।

कॉलेज, यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल, सब जगह। हम चाहते हैं कि स्कूल और अस्पताल सरकार की जिम्मेदारी रहे। इस दौरान राहुल गांधी ने जिन प्रसंगों का उल्लेख किया उनमें यह महत्वपूर्ण है, जिसे श्री गांधी ने खुद बताया। उन्होंने कहा कि, एक छोटी सी लड़की आई, वो मेरे पास नहीं आ रही थी, वो थोड़ा दूर चल रही थी। उसने एक चिट्ठी दी और कहा इसे आप बाद में पढ़ना। थोड़ी देर बाद मैंने चिट्ठी को देखा, उसमें लिखा था, आप ये मत सोचो कि आप अकेले चल रहे हो, मेरे माता-पिता आपके साथ चलने की इजाजत नहीं दे रहे हैं, फिर भी आप सोचो कि मैं आपके साथ चल रही हूं।

इस किस्म की बातों का उल्लेख कर तथा अब तक के घटनाक्रम यह वाकई साबित कर रहे हैं कि जिस राहुल गांधी को पप्पू साबित करने पर भाजपा ने इतनी मेहनत की थी, अब उसी के द्वारा उठाये जा रहे मुद्दों ने पहले हिमाचल फिर गुजरात के विधानसभा चुनावों पर असर डाल दिया है। परिणाम क्या होगा यह मतगणना के बाद स्पष्ट होगा लेकिन यह साफ हो चुका है कि फिलहाल राजनीतिक मुद्दों को राहुल गांधी उठा रहे हैं और मजबूरी में भाजपा को उनपर जनता के बीच सफाई देनी पड़ रही है।

वैसे इसी क्रम में मीडिया से बार बार सत्ता से सवाल पूछने की बात कहकर भी उन्होंने भाजपा को भविष्य के लिए टेंशन में डाल रखा है। भले ही पत्रकारों को नरेंद्र मोदी से सवाल पूछने का मौका ही नहीं मिले लेकिन अमित शाह या जेपी नड्डा अथवा स्मृति ईरानी इससे बच नहीं पायेंगे, यह भी तय है।

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