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दुनिया के आठसौवें करोड़ नंबर के शिशु को पहचान लीजिए

मनीलाः दुनिया की आठसौ करोड़वी बच्ची का यहां जन्म हुआ है। यहां के डॉ जोस फाबेला स्मारक अस्पताल में इस बच्ची का जन्म हुआ है। इसका नाम विनीस माबासाग रखा जा चुका है। वह दुनिया की आबादी को आठ सौ करोड़ पहुंचाने वाली बच्ची साबित हुई है। स्थानीय समय के मुताबिक रात के 1 बजकर 29 मिनट पर उसका जन्म हुआ है।
इस जन्म को लेकर पहले से ही काफी उत्साह का माहौल था क्योंकि दुनिया भर के लोग वह बच्चा कौन होगा, इसकी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। वैश्विक आंकड़े बताते हैं कि इससे पहले जुलाई 1987 में क्रोशिया की राजधानी जागरेब में जिस बच्चे का जन्म हुआ था वह दुनिया का पांच सौ करोड़वां शिशु था। आज वह बच्चा एक केमिकल इंजीनियर है और अपने परिवार के साथ जागरेव में ही रहता है।
दुनिया की आबादी के आंकड़ों के बारे में इस क्रम में कई रोचक तथ्य सामने आये हैं। ऐसा तब हुआ है जबकि हाल के वर्षों में दुनिया की आबादी के बढ़ने की गति थोड़ी धीमी हो गयी है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरज ने इस सूचना पर प्रसन्नता जाहिर की है कि अब दुनिया की आबादी घोषित तौर पर आठ सौ करोड़ के ऊपर चली गयी है। वैसे वैश्विक आंकड़े यह भी बताते हैं कि दुनिया में अंतिम सौ करोड़ लोगों की आबादी सिर्फ पिछले 12 वर्षों में बढ़ी है।
इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि दुनिया की नौ सौ करोड़ की आबादी वर्ष 2037 में तथा एक हजार करोड़ की आबादी वर्ष 2058 में पूरी हो जाएगी। यह आकलन वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इस आकलन के साथ साथ यह भी बताया गया है कि शिक्षा और जीवन स्तर के सुधार की वजह से पहले के मुकाबले आबादी का बढ़ना हर साल एक प्रतिशत की दर से कम हो रहा है। वैसे विशेषज्ञ मानते हैं कि आबादी बढ़ने की वजह से ही उपलब्ध संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है। इसकी चपेट में दुनिया के गरीब देश आ रहे हैं। गरीब देशों में आबादी का बढ़ना अपने किस्म की अलग चुनौती बन रही है।

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