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बाढ़ के बीच नाव पर महिला ने बच्चे को दिया जन्म

भारी बारिश और भूस्खलन से अरुणाचल का एकमात्र राज्य राजमार्ग बंद


  • काजीरंगा में 17 जानवर डूबे, 72 बचाए गए

  • हॉग हिरण का मांस रखने वाले दो गिरफ्तार

  • वाहन की तलाशी में बरामद हुआ यह मांस


बाढ़ की स्थिति का मुआयना करते मुख्यमंत्री डॉ हिमंता बिस्वा सरमा

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी : असम में बाढ़ के बीच एक महिला ने नाव पर बच्ची को जन्म दिया। यह घटना बुधवार को असम के मोरीगांव में हुई। तनावपूर्ण स्थिति के बाद बुधवार सुबह करीब 10 बजे ब्रह्मपुत्र नदी पर मोबाइल मेडिकल सर्विस बोट में बच्ची का जन्म हुआ। स्वस्थ बच्ची को जन्म देने वाली महिला को नदी के रास्ते नाव पर झरगांव ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। बच्चे के जन्म के समय मोबाइल मेडिकल बोट पर मेडिकल टीम मौजूद थी। गर्भवती महिला लहरीघाट आरसी के अंतर्गत चर क्षेत्र की निवासी है और उसने झरगांव स्वास्थ्य केंद्र के रास्ते में ब्रह्मपुत्र नदी में भीषण बाढ़ के बीच बच्चे को जन्म दिया। बताया जाता है कि जिले के हर अस्पताल में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी अलर्ट पर हैं और बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य शिविर लगाने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां कर ली हैं।

बाढ़ से प्रभावित काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में एक गैंडे का बच्चा और कई हॉग हिरण सहित सत्रह जंगली जानवर डूब गए हैं। पार्क अधिकारियों के अनुसार, वन अधिकारियों ने चल रहे संकट के बीच 72 जानवरों को बचाने में कामयाबी हासिल की है। बचाए गए जानवरों में से 32 का अभी इलाज चल रहा है, जबकि 25 को वापस जंगल में छोड़ दिया गया है। काजीरंगा में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, 173 वन शिविर अभी भी जलमग्न हैं।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में बुधवार शाम को दो संदिग्ध शिकारियों को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से हॉग डियर का मांस बरामद किया गया। वन कर्मियों को विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर एक अभियान चलाया गया और उन्होंने बागोरी के पास पार्क के पश्चिमी रेंज के हरमोती इलाके में एक बस को रोका। जब वाहन को रोका गया तो उनके पास से करीब 7.15 किलोग्राम हॉग डियर का मांस बरामद हुआ। संदिग्ध शिकारियों की पहचान 26 वर्षीय अजय मोदी और 28 वर्षीय सुनील तांती के रूप में हुई है। दोनों को नागांव के जाखलाबंधा पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया है।

ईटानगर-जोटे स्टेट हाईवे अरुणाचल प्रदेश का पहला और एकमात्र स्टेट हाईवे कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण बंद है, जिससे पापुम पारे जिले के संगदुपोटा सर्कल के निवासियों को काफी असुविधा हो रही है। भूस्खलन ने ईटानगर और बाट गांव के बीच के हिस्से को अवरुद्ध कर दिया है। इससे लोगों को गंगा गांव-बट-जोटे मार्ग पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जो भी खराब हालत में है।

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