सेंट्रल कमेटी के सदस्य पर दस लाख का ईनाम था
राष्ट्रीय खबर
कोलकाताः माओवादी सेंट्रल कमेटी के नेता किशोरदा गिरफ्तार किये गये हैं। एनआईए ने उनपर 10 लाख का ईनाम घोषित कर रखा था। पुलिस के मुताबिक, सब्यसाची गोस्वामी उर्फ किशोरदा को झारखंड सीमा के पास बाघमुंडी थाने के चौनिया इलाके के एक जंगल से गिरफ्तार किया गया। माओवादी नेता सब्यसाची गोस्वामी उर्फ किशोरदा को राज्य पुलिस ने गिरफ्तार किया।
यह बात जिला पुलिस अधीक्षक अभिजीत बनर्जी ने पुरुलिया के बेलगुमा पुलिस लाइन के सामने आरोपी को पकड़ने के दौरान कही। उन्होंने कहा कि सब्यसाची को शुक्रवार को पुरुलिया जिला अदालत में पेश किया जाएगा। एसपी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर उसे झारखंड सीमा के पास बाघमुंडी थाना क्षेत्र के चौनिया इलाके के एक जंगल से गिरफ्तार किया गया।
उसके पास से एक नौ एमएम की पिस्तौल, आठ राउंड गोलियां, माओवादियों के कई दस्तावेज और पत्र बरामद किये गये। सब्यसाची गोस्वामी माओवादियों की सेंट्रल कमेटी के नेता थे। पुलिस अधीक्षक ने यह भी दावा किया कि हाल ही में वह बंगाल में माओवादी गतिविधियां शुरू करने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने कहा, आरोपी नए माओवादी दस्तों की भर्ती करने की कोशिश के अलावा धन भी इकट्ठा कर रहा था। स्वाभाविक तौर पर यह गिरफ्तारी राज्य पुलिस की बड़ी सफलता है।
2011 में किशनजी की मौत के बाद राज्य में माओवादी गतिविधियां रुक गईं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में बांकुड़ा, पुरुलिया, झाड़ग्राम और पश्चिम मेदिनीपुर के जंगलमहल इलाके में माओवादी फिर से संगठित होने की कोशिश कर रहे हैं। दक्षिण बंगाल में इस संगठन को बढ़ाने की जिम्मेदारी किशोरदा पर थी।
पचास के दशक के मध्य में सब्यसाची के साथ माओवादी संगठन का जुड़ाव बहुत पुराना है। उनका घर दक्षिण 24 परगना के घोला थाने के सोदपुर रोड इलाके में है। सब्यसाची एक छात्र के रूप में नक्सली आंदोलन में शामिल हुए। उस समय नक्सली नेता संतोष धावक का काम करने लगा। बाद में वह पीपल्स वार से जुड़ गए।
2000 में किशोरदा को माओवादियों की कोलकाता सिटी कमेटी का सचिव भी चुना गया था। 2004 में उन्हें राज्य कमेटी का सदस्य बनाया गया। पांच साल पहले पार्टी ने उन्हें केंद्रीय कमेटी सदस्य का पद दिया था। हाल ही में सब्यसाची को माओवादी पार्टी के पूर्वी क्षेत्रीय ब्यूरो की जिम्मेदारी दी गई थी। सदस्यों की भर्ती के अलावा, अनुभवी माओवादी नेता ने नए युवाओं को भी शामिल करने की कोशिश की। जांचकर्ताओं को पता चला कि राज्य में कई आंदोलनों का समर्थन करने के अलावा वह अन्य राज्यों में भी सक्रिय था।
हालांकि यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी सब्यसाची कई बार पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं। उन्हें पहली बार 2005 में सीआईडी ने गिरफ्तार किया था। उन्हें 2013 में जादवपुर से फिर से गिरफ्तार किया गया था। 2018 में उसे पश्चिम मेदिनीपुर के गोवालटोर से एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। 2021 में केंद्रीय जांच एजेंसी ने उन्हें फिर से असम से गिरफ्तार किया था। जमानत मिलने के बाद हर बार सब्यसाची ने अपना चेहरा ढक लिया। 2022 और 2023 में कई बार पकड़ने के बावजूद पुलिस सब्यसाची को नहीं पकड़ पाई। एनआईए समेत कई केंद्रीय जांच एजेंसियां लगातार सब्यसाची को ढूंढने की कोशिश कर रही थीं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एनआईए ने 2022 में सब्यसाची के सिर की कीमत 10 लाख रुपये तय की है।