दिल्ली पुलिस कोलकाता पहुंची
राष्ट्रीय खबर
कोलकाताः संसद पीला धुआं कांड की जांच के सिलसिले में दिल्ली पुलिस कोलकाता आयी है। दरअसल इसकी वजह सुरक्षा भेदने के लिए पकड़े गये ललित झा का सिम कार्ड खोजना है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार दिल्ली पुलिस संसद में भ्रष्टाचार के स्रोत का पता लगाने के लिए कोलकाता भी जाएगी।
जांच कर रही दिल्ली पुलिस उन ‘निर्देशों’ का अक्षरश: पालन कर रही है। स्रोत खोजने से पहले वे कलकत्ता में ललित झा के निवास पर पहुँचे। मंगलवार दोपहर दिल्ली पुलिस की एक टीम मध्य कोलकाता के सरकारी दफ्तर खास छतवार डलहौजी के कार्यालय परिसर में पहुंची।
दिल्ली संसद पर हुए हमले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस सोमवार से ही कोलकाता की गलियों और सड़कों पर घूम रही है। ललित के ठिकाने की तलाश में, जांचकर्ता ललित के ट्यूशन पते रवीन्द्र सारणी तक पहुंचे। इसके बाद मंगलवार सुबह दिल्ली पुलिस की एक टीम इको पार्क थाने पहुंची। दोपहर को यह समूह डलहौजी चौराहे पर आया।
लेकिन ऑफिसपाड़ा में ललित के किसी अड्डे पर नहीं। जांचकर्ता ललित का एक सिम कार्ड खोजने के लिए वहां आए थे। यहां बीएसएनएल का कार्यालय स्थित है। सूत्रों के मुताबिक मास्टरमाइंड ललित, जो बंगाल के एक एनजीओ का कार्यकर्ता भी है, बीएसएनएल सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहा था। दिल्ली पुलिस ललित के नंबर वाला डुप्लीकेट सिम कार्ड लेने के लिए डलहौजी स्थित बीएसएनएल कार्यालय गई।
पिछले बुधवार को हुए संसदीय हंगामे के बाद जब दिल्ली पुलिस ललित की तलाश कर रही है तो पता चला है कि उसे आखिरी बार राजस्थान में देखा गया था। उसके फोन की आखिरी लोकेशन वहीं रिकॉर्ड की गई थी। इसके बाद ललित ने दिल्ली आकर दिल्ली पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया।
मंगलवार को संसद पर हुए हमले के छह दिन बाद दिल्ली पुलिस फिलहाल कोलकाता में ललित के सिम कार्ड की तलाश कर रही है। मालूम हो कि दिल्ली पुलिस ने बीएसएनएल दफ्तर से यह जानकारी मांगी है कि किस फोन में कौन सा सिम इस्तेमाल किया गया था और वह वाई-फाई से कहां कनेक्ट था।
इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने कुछ अन्य तकनीकी मामलों पर भी जानकारी मांगी है। लेकिन डलहौजी ही नहीं, मंगलवार को दिल्ली पुलिस की टीम ललित के कोलकाता स्थित बागुईआटी स्थित किराये के मकान पर भी पहुंची। ललित कोलकाता के बागुईआटी में किराये का मकान लेकर रहता था।
मंगलवार को दिल्ली पुलिस ललित के किराये के मकान पर गयी। हालाँकि, चूंकि यह क्षेत्र इको पार्क पुलिस स्टेशन के अंतर्गत है, इसलिए जांचकर्ताओं ने वहां जाने से पहले स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क किया। इसके बाद बागुईआटी में ललित के पते पर जाएं। सूत्रों के मुताबिक, जांचकर्ताओं ने मंगलवार को बागुईआटी में ललित के पड़ोसियों से बात की।
उन्होंने दिल्ली पुलिस को बताया कि संसद की घटना से तीन दिन पहले ललित इसी कमरे में रुका था। पिछले 10 दिसंबर को भी उन्होंने उसे इसी घर में देखा था। 10 तारीख को यानी संसद में ‘रंग-बाजी’ कांड से तीन दिन पहले ललित ने घर छोड़ दिया। लेकिन किसी ने इसके बारे में कुछ नहीं सोचा।
क्योंकि, कई लोगों को लगा कि ललित शायद अपने देश चला गया है। दिल्ली पुलिस की जांच टीम ने मंगलवार को बागुआटी स्थित ललित के घर के मालिक से भी बात की। हालांकि, दिल्ली पुलिस की टीम ने मंगलवार को ललित के बागुईआटी ठिकाने का ताला नहीं खोला। इससे पहले सोमवार को भी उन्होंने ललित के ट्यूशन पढ़ाने वाले पते 218 रवीन्द्र सारणी पर ताला लगा देखा था। ललित भी वहीं किराये पर रहता था।
हालांकि जब स्थानीय लोगों से ललित के बारे में पूछा गया तो उन्होंने दिल्ली पुलिस को बताया कि ललित कई दिनों से इस इलाके में नहीं आया है। घर में काफी समय से ताला लगा हुआ है। दोपहर को टीम बागुईआटी से निकली। दोपहर बाद वे मध्य कोलकाता के डलहौजी चौराहे पर स्थित बीएसएनएल कार्यालय पहुंचे।
वैसे, दिल्ली पुलिस का मानना है कि पिछले बुधवार को संसद पर रंगीन बम फेंकने और नारे लगाने की घटना का मास्टरमाइंड ललित ही है। उसे गुरुवार शाम को गिरफ्तार कर लिया गया। ललित ने स्वयं आकर पुलिस को गिरफ्तारी दे दी।