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दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में बृजभूषण पर आरोप सही

  • छह महिला पहलवानों ने लगाया है आरोप

  • जांच में साक्ष्य मिलने का पुलिस का दावा

  • दूसरी कमेटियों की रिपोर्ट का अता पता नहीं

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में आरोपी बृजभूषण पहलवान को भी पांच साल की जेल हो सकती है। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि उनके पास पहलवान बृजभूषण के खिलाफ पर्याप्त जानकारी और सबूत हैं। चार्जशीट में भाजपा सांसद के खिलाफ तीन धाराओं में आरोप लगाए गए हैं।

अखिल भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। ये उनकी चार्जशीट में लिखा है। जांच के बाद भाजपा सांसद के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। पहलवान बृजभूषण पर छह महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

कोर्ट में आरोप साबित होने पर बृजभूषण को कड़ी सजा हो सकती है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक ये बात पता चली है। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि जो आरोपपत्र दाखिल किया गया है उसमें बृजभूषण के खिलाफ पर्याप्त जानकारी और सबूत हैं। बृजभूषण पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (शील भंग करने के इरादे से हमला), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (छेड़छाड़) के तहत आरोप लगाया गया है।

अखिल भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व उप सचिव और आरोपियों में से एक विनोद तोमर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (शील भंग करने के इरादे से हमला), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 109 (उकसाना) और 506 (आपराधिक) के तहत आरोप लगाया गया है। धमकी)। तीन धाराओं के तहत दोषी पाए जाने पर बृजभूषण को अधिकतम पांच साल (धारा 354 के तहत) जेल हो सकती है। बृजभूषण के खिलाफ कुल 1082 पेज की चार्जशीट दी गई है।

जानकारी और सबूतों के आधार पर बृजभूषण को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा? दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ”ऐसे मामलों में जहां सात साल तक की कैद की सजा हो, आरोपी को गिरफ्तार करना अनिवार्य नहीं है। इसलिए हम ऐसे मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करते हैं।”

शिकायत करने वाली छह महिला पहलवानों में से चार ने पुलिस को ऑडियो-विज़ुअल सबूत दिए। दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि बृजभूषण के खिलाफ जांच अभी पूरी नहीं हुई है। आवश्यकतानुसार अतिरिक्त आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किये जायेंगे। दिल्ली के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने बृजभूषण और विनोद को 18 जुलाई को अदालत में पेश होने का आदेश दिया। मामले की सुनवाई उस दिन दोपहर 2.30 बजे होनी है।

बृजभूषण पर एक नाबालिग पहलवान से छेड़छाड़ का भी आरोप लगा था। परिणामस्वरूप, उसके खिलाफ पोस्को कानून के तहत मामला दर्ज किया गया। हालांकि, बाद में नाबालिग के पिता ने छेड़छाड़ की शिकायत वापस ले ली। इसलिए पुलिस ने कोर्ट से पॉक्सो एक्ट के तहत केस वापस लेने की अपील की। लेकिन दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के जज ने कहा कि वह मामले पर फैसला सुनाने से पहले शिकायतकर्ता और “पीड़ित” दोनों को सुनना चाहते हैं। उन्होंने दोनों पक्षों को नोटिस भी भेजा। छह बार के सांसद बृजभूषण पिछले 12 वर्षों से अखिल भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं।

इससे साफ हो गया है कि पहलवानों के विरोध के बाद सरकार जनवरी में मैरी कॉम की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय समिति ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभायी है। 24 अप्रैल को सरकार ने कमेटी की मुख्य सिफारिशों की जानकारी दी, जिसमें फेडरेशन में आंतरिक कमियों की बात कही गई, लेकिन बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों पर चुप्पी साध ली गई।

इससे पहले भी करीब एक दर्जन खिलाड़ियों, कोचों और सपोर्ट स्टाफ ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का सीधा हमला बोला था। जब बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई और समिति पर सवाल उठाए गए तो पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया 23 अप्रैल को विरोध करने के लिए जंतर-मंतर लौट आए। ये विरोध प्रदर्शन करीब 2 महीने तक चला। उन्होंने पिछले महीने गृह मंत्री अमित शाह और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बैठक के बाद आंदोलन वापस ले लिया था। उस वक्त उन्होंने इस मामले में जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था।

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