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रात अभी बाकी है बात अभी बाकी.. ….

रात बाकी है इसीलिए बात भी बाकी है वरना अगले चौबीस घंटे में तो सारा रिजल्ट आउट हो जाएगा। जिसके बाद पता चलेगा कि बाजी किसके हाथ लगी है और कौन हाथ मलता रह गया है। एक्जिट पोल का कंफ्यूजन थोड़ा ज्यादा हो गया है। इसी वजह से इन निष्कर्षों को लेकर वाद विवाद भी चल रहा है। यह भी सिर्फ इसलिए चल रहा है क्योंकि रात अभी बाकी है। एक बार रिजल्ट आ गया तो कौन किसे पहचानता है। उसके बाद सभी के अपने अपने पैतरें होंगे।

इसी बात पर एक चर्चित कब्वाली याद आने लगी है। फिल्म दो खिलाड़ी के इस गीत को लिखा था असद भोपाली ने और संगीत में ढाला था उषा खन्ना ने। इसे प्रसिद्ध कब्वाल जानी बाबू और विनोद मेहरा ने अपना स्वर दिया था। गीत के बोल कुछ इस तरह हैं।

मेरे मेहबूब मेरे मेहबूब
आज की रात न जा रात अभी बाकी है
मान ले बात न जा बात अभी बाकी है
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है हो
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
यह रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
देख ये रात हसीं रोज़ तो आती नहीं
ये जवानी की घडी बीत न जाए कहीं
ये जवानी की घडी बीत न जाए कहीं
ये सुहाना है समा तू हसीन है मैं जवान
वक़्त गर बीत गया मैं कहां और तू कहाँ
वक़्त गर बीत गया मैं कहां और तू कहाँ
किसने देखी है ये कल कल के वादों से निकल
कल तो आने की नहीं हम से ये चाल न चल
कल तो आने की नहीं हम से ये चाल न चल
तेरी और मेरी मुलाक़ात अभी बाकी है यह
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है हो
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है यह
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
मेरा अरमान है तू मेरा ईमान है तू
जान कर हाल मेरा फिर भी अनजान है तू
जान कर हाल मेरा फिर भी अनजान है तू
कुछ नहीं तुझको खबर कैसे होती है गुज़र
तुझ पे होता ही नहीं मेरी बातों का असर
तुझ पे होता ही नहीं मेरी बातों का असर
दिल अगर दिल से मिले प्यार का फूल खिले
हम कोई गैर नहीं छोड़ ये शिकवे गिले
हम कोई गैर नहीं छोड़ ये शिकवे गिले
ज़ुल्फ़ों को खोल दे बरसात अभी बाकी है
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है हो
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
चाँद तारों की क़सम ग़म के मारों की क़सम
बेक़रारी न बढ़ा बेक़रारों की क़सम
खादकारों की क़सम नालह-ज़ारों की क़सम
तू ने ठुकराया जिन्हें उन बेचारों की क़सम
इन बहारों की क़सम इन नज़्ज़ारों की क़सम
प्यार बदनाम न कर तुझ को प्यारों की क़सम
बेसहारों की क़सम तिनका-नारों की क़सम
मेरी भी प्यास भुजा प्यासे धारों की क़सम
राज़दारों की क़सम होशियारों की क़सम
तू ने न समझा जिन्हें उन इशारों की क़सम
तू ने न समझा जिन्हें उन इशारों की क़सम
मेरे अरमानों की बरात अभी बाकी है
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है हो
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है रे
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है हो
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है हो
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है हो
रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है।

रात अभी बाकी ही इसी वजह से कई लोगों के स्वर और सुर चल रहे हैं। पता नहीं उनके हिसाब से अगर चुनाव परिणाम नहीं आया तो उनका आखिरकार क्या होगा। जी हां मैं मीडिया के दिग्गजों की बात कर रहा हूं। इनमें से कुछ की जी जान से कोशिश है कि उनकी बातों से जनता वोट तय करे और नरेंद्र मोदी के पक्ष में रिजल्ट आये। अगर ऐसा हुआ तो उनकी दुकानदारी अभी चलती रहेगी। लेकिन अगर गलती से ऐसा नहीं होगा तो सारे सेठ ऐसे नकारा लोगों को दूध से मक्खी की तरह निकालकर फेंकने में वक्त जाया नहीं करेंगे। अपने ऊपर ठप्पा लगा लिया है तो दूसरे राजनीतिक खेमे के लोग तो बात भी नहीं करेंगे। बॉयकॉट का फैसला पहले से लागू है। जो है वह इसलिए है क्योंकि रात अभी बाकी है।

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