वाशिंगटनः अमेरिका ने दो भारतीय कंपनियों से 26 मिलियन डॉलर जब्त किए हैं। बताया जा रहा है कि नई दिल्ली पहले ही अमेरिका से पैसा जारी करने के लिए कह चुकी है। दो स्रोतों का हवाला देते हुए, बताया गया है कि वाशिंगटन ने मुख्य रूप से रूसी हीरा कंपनी अलरोसा के साथ उनके संबंधों के कारण दो भारतीय कंपनियों से बड़ी मात्रा में धन रोका।
इस साल की शुरुआत में, संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय या ओएफएसी ने इस पैसे को जब्त करने का आदेश दिया था। यूक्रेन का युद्ध प्रारंभ होने के बाद अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देशों में रूस पर अनेक किस्म के प्रतिबंध लगाये हैं।
पिछले साल रूस द्वारा यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू करने के बाद यह पहली बार है कि किसी भारतीय कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है। कथित तौर पर उन भारतीय कंपनियों की यूएई स्थित इकाइयां कच्चे हीरे खरीदने के लिए धन हस्तांतरित करने की कोशिश कर रही थीं। तभी अमेरिका ने पैसा जब्त कर लिया।
भारत सरकार के एक सूत्र ने कहा कि सरकार ओएफएसी के कदम से अवगत है और उसने इस संबंध में चर्चा शुरू कर दी है। हालाँकि, संबंधित भारतीय कंपनियों ने सरकार को धन जब्त करने के दो कारण बताए। ये, शायद, वह धन है जो रूस में उन संगठनों को दिया जा रहा था जो प्रतिबंधों के दायरे में नहीं थे, फिर भी अमेरिका ने उनके धन को जब्त कर लिया।
या पिछले साल अप्रैल में अलरोसा पर प्रतिबंध लागू होने से पहले ही हीरे की खरीद का आदेश दिया गया था। गौरतलब है कि रूस की सरकारी कंपनी अलरोसा दुनिया की सबसे बड़ी कच्चा हीरा उत्पादक है। इस संबंध में उन्हें ईमेल भेजा गया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इसके अलावा भारत के वाणिज्य एवं विदेश मंत्रालय और अमेरिकी वित्त विभाग ने भी इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।