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कफ सिरप मामले में सात भारतीय कंपनियां दोषी

भारत के वैश्विक दवा निर्यात के कारोबार को लगा झटका

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः अब विश्व स्वास्थ्य संगठन  ने भारत में बने 7 कफ सिरप के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कुल 20 कफ सिरप सामग्री के परीक्षण का आदेश दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन  के अनुसार, इन कफ सिरप के अवयवों से जहर हो सकता है। इसमें 7 भारतीय कंपनियां शामिल हैं।

वास्तव में, पिछले कुछ महीनों में सिर्फ इसी खांसी की दवाई के जहर से दुनिया भर में सैकड़ों बच्चों की मौत हो गई है। उनमें से ज्यादातर पश्चिम अफ्रीका से हैं। इन पश्चिम अफ्रीकी देशों में भारत से काफी मात्रा में खांसी की दवाई जाती है। कुछ दिनों पहले उज्बेकिस्तान और जाम्बिया में भारतीय खांसी की दवाई पीने से कई बच्चों के मरने की सूचना मिली थी।

यह तब था जब भारतीय कफ सिरप के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया था। हाल ही में मैरियन बायोटेक, मेडेन फार्मास्युटिकल्स समेत कई कंपनियों के बनाए कफ सिरप का सेवन करने से 66 बच्चों की मौत हो गई थी। उन कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने पश्चिम अफ्रीका के विभिन्न देशों में जहरीली दवाओं का निर्यात किया है।

कुछ खांसी की दवाईयों के कारण बच्चों के गुर्दे खराब हो गए हैं। परीक्षणों से पता चला है कि उन चार कफ सिरप में कई जहरीले रसायन होते हैं। इस दवा का सेवन करने से पेट में दर्द, उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। उसके बाद किडनी फेल होना निश्चित है और मृत्यु निश्चित है।

हालांकि इन कफ सिरप कंपनियों के खिलाफ ड्रग रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया पहले ही कार्रवाई कर चुका है। यहां तक ​​कि डीजीसीए ने ड्रग एक्सपोर्ट को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की हैं। कहा गया है कि निर्यात से पहले सभी सिरों का सरकारी प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया जाए। इसके बाद ही इसे विदेशों में निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन  ने भी इन कफ सिरप के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं।

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