Breaking News in Hindi

प्रज्ञान ने बताया गंधक मौजूद है

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास गंधक मौजूद है। रोवर प्रज्ञान द्वारा इसकी पुष्टि की गई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी।

उन्होंने यह भी कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में सल्फर, एल्यूमीनियम, कैल्शियम, लोहा, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन के अलावा ऑक्सीजन भी मौजूद है। हाइड्रोजन की खोज जारी है। 24 अगस्त की सुबह लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान नीचे आया। तब से, छह पहियों वाला यह वाहन चंद्रमा की खोज कर रहा है।

इसरो के मुताबिक, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एल्यूमीनियम, कैल्शियम, लोहा, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन, ऑक्सीजन की मौजूदगी की उम्मीद थी। इस बार हाइड्रोजन की खोज जारी है। प्रज्ञान के पास लेजर-प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप है। यह तकनीक नमूने एकत्र करती है और लेजर तकनीक के माध्यम से उनका परीक्षण करती है।

इस तकनीक को इसरो, बैंगलोर में इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम प्रयोगशाला में विकसित किया गया था। एलआईबीएस के जरिए प्रज्ञान को चंद्रमा पर सल्फर समेत कई खनिजों के निशान मिले। प्रज्ञान ने चंद्रमा की धरती पर छह दिन बिताए। इससे पहले किसी अन्य देश ने चंद्रमा के उस हिस्से पर अंतरिक्ष यान नहीं भेजा था जहां दक्षिणी ध्रुव के पास विक्रम लैंडर उतरा था।

परिणामस्वरूप, वह क्षेत्र पृथ्वी वैज्ञानिकों के लिए अज्ञात है। प्रज्ञान जो जानकारी भेज रहा है वह चंद्रमा पर शोध के लिए महत्वपूर्ण है। पिछले 23 अगस्त, बुधवार को ठीक 6:04 बजे तीसरे चंद्रयान लैंडर विक्रम ने चंद्रमा की धरती पर कदम रखा।

लैंडर ने पंख जैसी लैंडिंग (सॉफ्ट लैंडिंग) की, जो पहले कभी किसी ने नहीं की थी। उतरने के कुछ घंटों बाद दरवाजा खोलकर प्रज्ञान विक्रम के पेट से बाहर आ गया। इसकी गति मात्र एक सेंटीमीटर प्रति सेकंड है। प्रज्ञान रोवर की यह जांच इस खोज को भी मदद पहुंचा रही है कि क्या चांद पर इंसानों की बस्ती स्थापित करने लायक माहौल है। इसके लिए पानी का होना एक अनिवार्य शर्त है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.