Breaking News in Hindi

यह काम सरकार को करना होगाः डॉ राजेश गुप्ता छोटू

  • दूसरे डैम से पानी लाने का काम हो

  • खुले और सार्वजनिक स्थलों पर सरकार करे

  • अब कई इलाकों में पांच सौ फीट नीचे गया पानी

राष्ट्रीय खबर

रांचीः रांची पूर्व पार्षद और सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने इस बारे में कहा कि रांची में अब कई स्थानों पर जलस्तर पांच सौ फीट से नीचे चला गया है। इसके अलावा अधिकांश पुराने घर जिस तरीके से बने हुए हैं, उनमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग की न तो सुविधा है और ना ही इन घरों में रहने वालों की आर्थिक हैसियत है। जमीन का बंटवारा होते होते बहुत इलाका इतना सीमित हो गया है कि वहां अब भूमिगत जल को रिचार्ज करने के लिए जमीन भी नहीं बची है।

उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में ही उन्होंने नगर निगम के माध्यम से राज्य सरकार को अपनी तरफ से पहल करने का सुझाव दिया था। इसके तहत हर इलाके में खुला मैदान अथवा अन्य सार्वजनिक संपत्तियों में सरकारी स्तर पर सही रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम किया जाना चाहिए।

इससे इलाकों को बारिश के मौसम में भूगर्भस्थ जल भंडार को रिचार्ज करने का मौका मिल जाएगा। वह मानते हैं कि इस दिशा में अधिक जलसंकट वाले इलाकों में सरकारी स्तर पर ही काम किया जाना चाहिए। वरना वह भी मानते हैं कि आने वाले वर्षों में इस पर काम नहीं होने की स्थिति में हालत और गंभीर होती चली जाएगी।

डॉ गुप्ता के मुताबिक शहर के तालाबों को गहरा बनाकर उसमें जमा काई और मलबा निकालने का काम भी होना चाहिए। इसके अलावा आबादी बढ़ने की वजह से अब जब तक कोई नया डैम नहीं बन जाता, सरकार को पतरातू अथवा लतरातू डैम से अतिरिक्त पानी लाने पर भी कोई कदम उठाना चाहिए। उनके मुताबिक शहर को जलापूर्ति करने वाले तीनों डैम अब काफी पुराने और आबादी के अनुपात में कम हो चुके हैं। इसलिए शहर की जलापूर्ति व्यवस्था को अतिरिक्त इंतजाम की जरूरत है।

इस बीच सरकारी अधिकारियों द्वारा अपनी हैसियत के दुरुपयोग का मामला भी चर्चा में आ जाता है। इसी साल रांची नगर निगम की एक अधिकारी पर रातू रोड पर अपने आवास के ठीक बाहर 12 फीट चौड़ी पीसीसी सड़क पर बोरवेल खोदने का आरोप लगा। बोरवेल खोदे जाने की वजह से सड़क का वह हिस्सा अवरुद्ध हो गया।

आर्यपुरी इलाके के निवासियों के एक वर्ग ने औपचारिक रूप से आरएमसी के नगर आयुक्त शशि रंजन को एक पत्र सौंपकर एक नागरिक अधिकारी की ऐसी मनमानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। आंकड़े बताते हैं कि आरएमसी ने 13 उच्च-उपज वाले ड्रिल्ड ट्यूबवेल स्थापित किए। इनमें से दस क्षतिग्रस्त हो गये हैं और पानी भी सूख गया है।

बड़ी आबादी केवल तीन एचवाईडीटी और आरएमसी द्वारा आपूर्ति किए गए टैंकरों पर निर्भर है। इस बीच, आरएमसी के पास पानी की आपूर्ति के लिए केवल 40 टैंकर उपलब्ध हैं। टैंकरों की क्षमता 2,000 से 10,000 लीटर तक है। शहर में 2,507 हैंडपंप हैं, जिनमें से करीब 190 सूखे हैं। इसके अलावा, 1,374 माइक्रो HYDTs और 174 बड़े एचवाईडीटी और 69,078 कनेक्शन हैं।

गर्मी के दिनों में पानी की लगातार कमी रहती है। निगम ने सभी घरों को वर्षा जल संचयन प्रणालियों से लैस करने के लिए कहा है। निवासियों की जल संरक्षण के प्रति उपेक्षा पानी की कमी में योगदान करती है। 2.25 लाख से अधिक हैं शहर में घर हैं लेकिन उनमें से केवल लगभग 20,000 में ही वर्षा जल संचयन प्रणालियाँ हैं। (समाप्त)

उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा।