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सीरियल ब्लास्ट के लिए रखा बम और तार बरामद

  • गुप्त सूचना के आधार पर सर्च प्रारंभ हुआ था

  • गिजनिया बथाना पहाड़ी इलाके में मिला बम

  • सुरक्षा बलों ने सभी को निष्क्रिय कर दिया है

राष्ट्रीय खबर

पटनाः औरंगाबाद पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सहित सुरक्षा बलों ने गुरुवार को औरंगाबाद में आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) के साथ सिलसिलेवार विस्फोटों की कथित माओवादी योजना को विफल कर दिया।

पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि बलों ने गुरुवार को औरंगाबाद जिले के गिजानिया पहाड़ पहाड़ियों पर एक माओवादी ठिकाने पर छापेमारी के दौरान 29 शक्तिशाली आईईडी और 60 मीटर कोडेक्स तार बरामद किए। गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए औरंगाबाद पुलिस और सीआरपीएफ 205 कोबरा बटालियन ने पहाड़ी क्षेत्र में एक संयुक्त अभियान चलाया था।

पुलिस अधीक्षक स्वप्ना जी मेश्राम ने कहा कि गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस बल ने एक गुफा के अंदर छिपे ठिकाने पर छापा मारा और माओवादियों द्वारा बलों पर सिलसिलेवार विस्फोट के लिए रखे गए आईईडी बरामद किए। तलाशी अभियान का नेतृत्व करने वाले अतिरिक्त एसपी राजेश कुमार ने कहा कि सभी बम डेटोनेटर और तार से जुड़े होने के बाद सिलसिलेवार विस्फोट के लिए तैयार थे।

इससे साफ हो गया कि नक्सली किसी बड़ी वारदात को अंजाम देना चाहते हैं क्योंकि यह तरीका सिर्फ सीरियल ब्लास्ट में इस्तेमाल किया जाता है। मिली जानकारी के मुताबिक मदनपुर थाना स्थित गिजनिया बथाना पहाड़ी इलाके में गुरुवार को यह नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया गया।

जंगल में सर्च ऑपरेशन चला रहे सुरक्षाबलों पर भाकपा माओवादी नक्सलियों की ओर से हमले की योजना थी। जिले में नक्सलियों के विरुद्ध चलाये जा रहे सर्च अभियान के दौरान 205 कोबरा एवं जिला पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है। गिजनिया बथाना पहाड़ी इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे सुरक्षाबलों पर भाकपा माओवादी नक्सलियों की ओर से हमले की योजना थी।

वहां पर 60 मीटर कोडेक्स वायर भी मिला है, जिसका इस्तेमाल विस्फोटक तैयार करने में किया जाता है। सभी बमों को बम निरोधक दस्ता द्वारा डिफ्यूज कर दिया गया है। बरामद केन बम में ज्यादातर दो किलो वजनी हैं। इन्हें सीरिज में जोड़कर विस्फोट कराया जाता है। एएसपी अभियान ने बताया कि सभी बम तैयार हालत में थे।

इसमें केवल डेटोनेटर लगाकर विस्फोट करना था। सभी बमों को डिफ्यूज करा दिया गया है। इस मामले में एक प्राथमिकी स्थानीय थाने में दर्ज की गई है। पुलिस आगे की जांच में जुटी है। वैसे औरंगाबाद में लगातार पुलिस नक्सली साजिशों को विफल करती जा रही है। पिछले दो वर्षों में वहां अनेकों बार इस तरीके से अभियान चलाकर विस्फोटक और अन्य जानलेवा सामग्रियों को पहले भी बरामद किया गया है। इससे यह साफ है कि अंदर ही अंदर यहां माओवादियों का दस्ता अब भी सक्रिय है। वैसे पुलिस के कुछ लोग मानते हैं कि ऐसे हथियारबंद दस्ते झारखंड की सीमा को पार कर यहां आते जाते रहते हैं।

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