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अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रही है ड्रैगन सेना

उत्तराखंड के पास फिर से गांवों को बनाने की कवायद

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः भारत को पीछे हटने की सलाह देकर शांति स्थापित करने की बात करने वाला चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है। चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कई मॉडल गांवों का निर्माण किए जाने की खबरों के बाद से भारतीय सीमा रक्षक अलर्ट पर हैं। स्थानीय निवासियों और निगरानी सूत्रों के हवाले से यह खबर बाहर आयी है।

सुरक्षाबलों के सूत्रों के मुताबिक, जहां भी गांव के निर्माण की जानकारी है, वहां चौकसी बढ़ा दी गई है. इन गांवों के अलावा, हाल ही में सैन्य शिविरों के भी बनने की सूचना मिली थी। दो पड़ोसी देशों भारत और चीन के बीच 3488 किलोमीटर लंबी एलएसी को तीन भागों में बांटा गया है- पश्चिमी, मध्य और पूर्वी।

पर्यवेक्षकों ने कहा कि उत्तराखंड की सीमा पर एलएसी के पार और पूर्व में अरुणाचल प्रदेश के विपरीत दिशा में, सियाओकांग नामक मॉडल गांव बहुत तेज गति से बनाए जा रहे हैं। इस गांव के घरों को कहीं और कंक्रीट के ब्लॉक की व्यवस्था करके ट्रकों में भरकर बनाया जा रहा है। अधिकांश घर बहुमंजिला हैं। हर गांव में करीब 200 लोगों को ठहराया जा रहा है।

पूरी सीमा पर चार सौ ऐसे गांव बनाये जाने की सूचना है। उन इलाकों के निवासियों ने कहा कि एलएसी के बीच में 6-7 किमी के बीच जियाओकांग बनाए जा रहे हैं. चीनी सैनिकों ने नई नजरमीनार और चेक पोस्ट भी बनाई हैं। पेट्रोलिंग भी बढ़ा दी गई है। जहां पहले दो-तीन महीने में एक बार पेट्रोलिंग होती थी, अब आधे-आधे अंतराल पर की जा रही है।

चीनी पहले ही अरुणाचल के कामेंग क्षेत्र में एलएसी के साथ दो गांवों का निर्माण पूरा कर चुके हैं। वहां करीब 200 लोग रहने लगे हैं। खबर है कि उनकी सुरक्षा के लिए सेना की एक चेक पोस्ट भी बनाई गई है।भारत के साथ चीन का लंबे समय से सीमा विवाद जारी है।

इस वजह से नई समस्याएं पैदा हो रही हैं। यह सूचना तब बाहर आयी है जबकि चीन ने अपनी तरफ से भारत को नियंत्रण रेखा से और 13 किलोमीटर पीछे सेना ले जाने का सुझाव दिया था। इस सुझाव के बाद पता चल रहा है कि वह सीमा के बिल्कुल करीब नये गांव बसाता जा रहा है।

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