रांचीः गृह मंत्रालय के आदेशों के बावजूद झारखंड के कई आईएएस और आईपीएसो ने इमूवेबल प्रॉपर्टी रिटर्न (आईपीआर) के तहत अपने निजी चल अचल संपत्ति का विवरण नहीं दिया है वैसे आईएएस और आईपीएसो की ईडी उनके चल अचल संपत्तियों की जांच करें अन्यथा ईडी के खिलाफ झारखंडी सूचना अधिकार मंच व्यापक रूप से आंदोलन करने का कार्य करेगा l
उपरोक्त बातें आज झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष पूर्व विधायक प्रत्याशी सह आदिवासी मूलवासी जन अधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने आज कहीं । इन्होंने आगे कहा कि बहुत से ऐसे आईएसए एवं आईपीएस हैं जो गृह मंत्रालय भारत सरकार के आदेशों के बावजूद अपनी संपत्ति का ब्यौरा अभी तक सार्वजनिक नहीं किए हैं
वैसे अधिकारियों की सूची गृह मंत्रालय से मंगा कर इडी उन अधिकारियों की संपत्ति की जांच करें ताकि उनके अवैध संपत्ति को पकड़ा जा सके । श्री नायक ने आगे कहा कि झारखंड गठन के बाद से ही झारखंड के आईएएस एवं आईपीएस पदाधिकारियों नें झारखंड के धन और संपदाओं को दोनों हाथ से लूटना शुरू किया ।
स्थिति तो आज इतनी भयावह है कि राज्य के अगर वर्तमान में सभी आईएएस एवं आईपीएसो की निजी चल अचल संपत्ति की जांच ईडी के द्वारा इमानदारी पूर्वक करा दी जाए तो करीब-करीब 80 प्रतिशत धन शोधन निवारण कानून के तहत आईएएस एवं आईपीएस पदाधिकारी आय से अधिक संपत्ति के मामले में होटवार जेल में होंगे ।
श्री नायक ने आगे कहा कि छवि रंजन एंव पूजा सिंघल जैसे आईएएस पदाधिकारियों की झारखंड में कमी नहीं है कमी है तो इन आईएएस एवं आईपीएस पदाधिकारियों के विरुद्ध इमानदारी पूर्वक जांच की और आज समय आया है कि सभी ऐसे भ्रष्ट आईएएस एवं आईपीएस पदाधिकारियों की निजी चल अचल संपत्तियों की ईडी के द्वारा जांच कराई जानी चाहिए और उनके सभी अवैध निजी चल- अचल सम्पत्तियों को जप्त की जानी चाहिए ताकि आने वाले दिनों में झारखंड में आईएएस एवं आईपीएस पदाधिकारी सबक लें और भ्रष्टाचार को करने से पहले झारखंड की धन संपदा को लूटने से पहले हजार बार नहीं लाखों बार सोचने पर मजबूर हो ।