Breaking News in Hindi

संपत्ति छिपाने में भाजपा विधायक की सदस्यता रद्द

  • अरुणाचल प्रदेश के मामले में कांग्रेस नेता की याचिका

  • हाई कोर्ट ने माना की उम्मीद्वारी दोषपूर्ण ही थी

  • कई संपत्तियों की घोषणा हलफनामा में नहीं की

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी:  गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने चुनावी हलफनामे में संपत्ति की जानकारी छिपाने के कारण अरुणाचल प्रदेश की भाजपा की विधायक दसांगलू पुल की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई। उच्च न्यायालय की ईटानगर पीठ ने  एक आदेश में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अंजाव जिले की हयुलियांग विधानसभा सीट से उनके (पुल) चुनाव को अवैध घोषित कर दिया ।

भाजपा की महिला नेता को संपत्ति की जानकारी छुपाकर विधानसभा चुनाव जीतना भारी पड़ गया। क्योंकि अब हाईकोर्ट ने उनकी विधायकी को ही रद्द कर दिया है। यह मामला अरूणाचल प्रदेश का है। यहां पर गुवाहाटी उच्च न्यायालय की ईटानगर पीठ ने अरुणाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विधायक दासंगलू पुल के चुनाव को जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अवैध घोषित कर दिया है।

उन पर आरोप था कि चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपनी संपत्तियों के बारे में जानकारी छुपाई गई थी।अदालत ने कहा कि प्रतिवादी/लौटे उम्मीदवार ख्दसंगलू पुल, ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 33 के अनुसार अपना नामांकन पत्र प्रस्तुत नहीं किया था, और इस तरह प्रतिवादी/लौटे उम्मीदवार का नामांकन पत्र खारिज करने के लिए उत्तरदायी है।

मई 2019 के विधानसभा चुनावों में 45 वर्षीय दासंगलू पुल ह्युलियांग से फिर से चुने गए थे। उन्होंने इससे पहले 2016 में अपने पति और पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल की मृत्यु के बाद उपचुनाव में सीट जीती थी। 2019 में दासंगलु पुल से हारने वाली कांग्रेस उम्मीदवार लुपलुम कृ ने सुश्री पुल की जीत को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था, उन्होंने कहा था कि उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में अपने पति की मुंबई में चार और अरुणाचल प्रदेश में दो संपत्तियों की घोषणा नहीं की थी।

उन्होंने कहा कि सुश्री पुल का नामांकन उनकी आपत्तियों के बावजूद स्वीकार कर लिया गया। सुश्री पुल ने कहा था कि उन्होंने अपने पति की संपत्तियों पर अपना दावा छोड़ दिया है। अदालत ने दिए अपने आदेश में यह भी कहा कि दसांगलू पुल के नामांकन पत्रों को गलत तरीके से स्वीकार करने से उनके चुनाव के परिणाम पर भौतिक रूप से असर पड़ा।

क्री ने अपनी याचिका में दावा किया था कि पुल की उम्मीदवारी काफी हद तक दोषपूर्ण थी क्योंकि उन्होंने हलफनामे में अपने पति की मुंबई में चार और अरुणाचल प्रदेश में दो संपत्तियों की घोषणा नहीं की थी। हालांकि, भाजपा विधायक ने अदालत में कहा कि कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के मद्देनजर कलिखो पुल की पहली पत्नी डांगविमसाई पुल उनकी संपत्ति की मालकिन हैं जिस वजह से उन्होंने चुनावी हलफनामे में इनमें से किसी भी संपत्ति का जिक्र नहीं किया। पुल ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि वह उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.