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भगवान बुद्ध को श्रीकृष्ण का अवतार बताया

  • महाबोधि मंदिर में बुद्ध को किया नमन

  • बौद्ध भिक्षुओं ने निकाली धम्म यात्रा

  • मौके पर प्रज्ञा पत्रिका का हुआ लोकार्पण

अश्विनी कुमार 

बोधगया : स्थानीय महाबोधि मंदिर में शुक्रवार को आयोजित 2567वीं बुद्ध जयंती समारोह के उद्घाटन सत्र में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने सभी राज्यवासियों को बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि अपने छात्रजीवन में बोधगया के बारे में उन्हें किताबों में पढ़ने के लिए मिला था। आज उनकी जयंती के अवसर पर देखने और समझने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है।

उन्होंने भगवान बुद्ध को भगवान श्री कृष्ण का अवतार बताया। उन्होंने कहा कि धर्म का मतलब सही दिशा में सही विचार रखना है। क्या करना है, क्या नहीं करना है, इसकी समझ रखकर किया गया कर्म ही शुभ होता है। मानव के हित में कर्म करना ही धर्म है। यही विचार भगवान बुद्ध का है।

भगवान बुद्ध के विचार न किसी जाति, पंथ, मजहब एवं वर्ग के लिये हैं, बल्कि उनकी कृति आज भी विश्व की अनमोल थाती है। भगवान बुद्ध के विचार समस्त संसार के लिए अनुकरणीय हैं। हम भारतीयों का प्रयास यह होना चाहिए कि भगवान बुद्ध के विचार विश्व के सभी देशों में फलित हों। राज्यपाल ने कहा कि भगवान बुद्ध के संदेशों का अनुकरण करना ही मोक्ष प्राप्ति का सबसे सरल मार्ग है।

हमें प्रयास करना चाहिए कि हमलोग भगवान बुद्ध के द्वारा सुझाए गये मध्यम मार्ग पर के महत्व को समझें और उसपर चलें। राज्यपाल ने कहा कि हम सभी को यह संकल्प लेने की जरूरत है कि हम सभी भगवान बुद्ध  के संदेशों को आत्मसात करेंगे। साथ ही उनके बताए हुए मार्ग पर चलेंगे। पारस्परिक ईर्ष्या, द्वेष, कलह जैसे विकार अहिंसा से ही दूर हो सकते हैं।

मौके पर कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि भगवान बुद्ध ने बोधगया से पूरे विश्व में शांति का संदेश दिया है, उन संदेशों को अपनाकर आपस में भाईचारे के साथ रहने की जरूरत है। जयंती समारोह का शुभारंभ भगवान बुद्ध की 80 फीट मूर्ति से महाबोधि मंदिर तक धम्म यात्रा निकालकर किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षुओं और लामाओं ने हिस्सा लिया।

धम्म यात्रा में बुद्ध के संदेशों एवं विचारों पर आधारित एक भव्य झांकी भी निकाली गयी। बोधि वृक्ष के छांँव तले विशेष प्रार्थना सभा आयोजित हुई। विभिन्न देशों के बौद्ध भिक्षुओं और बौद्ध अनुयायियों ने विश्व शांति की कामना के लिए प्रार्थना की। इसके पूर्व राज्यपाल ने अपनी पत्नी के साथ महाबोधि मंदिर के गर्भ गृह में भगवान बुद्ध के समक्ष ध्यान-मग्न होकर विशेष पूजा अर्चना कर नमन किया। इस दौरान उन्होंने मंदिर के  पुरातत्विक महत्व की जानकारी भी ली।

दर्शन के बाद राज्यपाल काफी प्रसन्नचित्त मुद्रा में थे। कार्यक्रम के दौरान महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति द्वारा प्रकाशित पत्रिका प्रज्ञा एवं आर्ट  पोर्टफोलियो लीजेंड्स ऑफ बुद्धा नामक पुस्तक का लोकार्पण किया गया।

इस मौके पर पूर्व मंत्री सह नगर विधायक डॉ प्रेम कुमार, मगध प्रमंडल के आयुक्त मयंक बरबड़े, महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष सह डीएम डॉ त्यागराजन एसएम, एसएसपी आशीष भारती, सचिव नागंजे दोरजे, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया की पूर्व कुलपति डॉ. कुसुम कुमारी एवं बीटीएमसी के सचिव अरविंद कुमार सिंह मौजूद रहे।

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